AIN NEWS 1: सीरिया के होम्स शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। वादी अल-दहाब इलाके में स्थित इमाम अली बिन अबी तालिब मस्जिद को विस्फोट के जरिए निशाना बनाया गया। इस दर्दनाक घटना में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 से अधिक नमाजी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हमला उस समय हुआ, जब मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा कर रहे थे।

🔴 धमाका नमाज के दौरान, मची अफरातफरी
सरकारी मीडिया और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विस्फोट मस्जिद के मुख्य प्रार्थना हॉल के एक कोने में हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि मस्जिद की दीवार में बड़ा गड्ढा हो गया, फर्श पर बिछी नमाज की चटाइयां फट गईं और धार्मिक किताबें मलबे में दब गईं। धमाके के बाद मस्जिद में चीख-पुकार मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
अल जजीरा द्वारा सत्यापित वीडियो फुटेज में देखा गया कि घायल लोगों को स्ट्रेचर और कपड़ों में लपेटकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया जा रहा है। कई लोग खून से लथपथ हालत में मदद की गुहार लगा रहे थे।

🔍 आत्मघाती हमला या पहले से लगाए गए विस्फोटक?
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह हमला आत्मघाती बम धमाके या मस्जिद के अंदर पहले से लगाए गए विस्फोटक उपकरण के जरिए किया गया हो सकता है। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां दोनों ही संभावनाओं की जांच कर रही हैं। घटना के तुरंत बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया।
अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के पीछे आईएसआईएस के बचे हुए स्लीपर सेल्स हो सकते हैं।
⚠️ अलावी समुदाय को निशाना बनाए जाने की आशंका
इमाम अली मस्जिद मुख्य रूप से अलावी समुदाय से जुड़ी मानी जाती है। होम्स शहर में अलावी, सुन्नी मुस्लिम और ईसाई समुदाय की मिश्रित आबादी रहती है। ऐसे में इस मस्जिद पर हमला केवल आतंकी घटना नहीं, बल्कि सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश भी माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अलावी मस्जिद को निशाना बनाना सीरिया में दोबारा सांप्रदायिक हिंसा को हवा दे सकता है, खासकर ऐसे समय में जब देश सत्ता परिवर्तन के बाद पहले ही अस्थिर दौर से गुजर रहा है।
🛡️ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
अल जजीरा के संवाददाता के अनुसार, दमिश्क में नई सरकार देश में नियंत्रण और स्थिरता कायम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस तरह के हमले सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करते हैं। हाल के दिनों में सीरियाई सुरक्षा बलों ने दमिश्क के आसपास कई छापेमारी अभियान चलाए थे, जिनमें आईएसआईएस के एक वरिष्ठ नेता को गिरफ्तार किया गया और एक कमांडर को मार गिराया गया।
इसके बावजूद, होम्स जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह का हमला यह दिखाता है कि आतंकी नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं।
Codeine Syrup Case में हाईकोर्ट से सहारनपुर के दो भाइयों को अंतरिम राहत
🌍 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता
पिछले सप्ताह अमेरिका ने भी सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इसके बावजूद आतंकी गतिविधियों का जारी रहना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है। विश्लेषकों का मानना है कि आईएसआईएस कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन उसके स्लीपर सेल्स अब भी सक्रिय हैं और मौका मिलते ही हमला कर रहे हैं।
🕊️ असद के बाद बढ़ी अस्थिरता
बशर अल-असद शासन के गिरने के बाद से सीरिया में अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अलावी समुदाय विशेष रूप से डरा हुआ है, क्योंकि हाल के महीनों में उन पर हमलों की संख्या बढ़ी है। होम्स शहर पहले भी गृहयुद्ध के दौरान सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र रहा है।
सीरिया के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को “कायरतापूर्ण अपराध” बताते हुए कहा है कि यह देश की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। सरकार ने दोषियों को जल्द पकड़ने और कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है।
🚨 जांच जारी, घायलों का इलाज
घटना के बाद से सुरक्षा बल लगातार जांच में जुटे हुए हैं। मस्जिद के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। घायलों का इलाज होम्स के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
🧩 एकजुटता की कोशिशों को झटका
यह हमला केवल जान-माल का नुकसान नहीं है, बल्कि सीरिया को फिर से एकजुट करने की कोशिशों पर भी गहरा आघात है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो देश एक बार फिर हिंसा और अस्थिरता की ओर जा सकता है।
✋ निर्दोष नमाजियों पर क्रूर हमला
निर्दोष नमाजियों पर किया गया यह हमला बेहद निंदनीय है। धार्मिक स्थल को निशाना बनाना यह साफ करता है कि आतंकियों का मकसद डर फैलाना और समुदायों के बीच नफरत पैदा करना है। सीरिया की नई सरकार के लिए यह एक बड़ी परीक्षा है कि वह सभी समुदायों का भरोसा कैसे कायम रखती है।
🤝 आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया को इस दौर से निकलने के लिए केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और राजनीतिक समावेशन की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय समर्थन अहम है, लेकिन सबसे बड़ी ताकत देश के भीतर सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाली होगी।
A deadly Syria mosque blast struck the Imam Ali Mosque in Homs during Friday prayers, killing six worshippers and injuring over twenty others. The Homs mosque attack has raised serious concerns about sectarian violence in Syria, especially amid fears of ISIS sleeper cells exploiting the country’s post-Assad security vacuum. Syrian authorities have launched a major investigation into the Friday prayer explosion as terrorism threats continue to challenge national stability.






