AIN NEWS 1: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा को भड़काने में जो चल रही है जांच उसके दौरान रोजाना ही नए खुलासे हो रहे हैं। इस पूरी जांच में कुल 80 ऐसे यूट्यूबर की भी भूमिका मिली है, जो एक्सक्लूसिव वीडियो और फोटो लेने के लिए ही नूंह पहुंचे थे। इनके इस पूरे वीडियो और फोटोज के कारण भी वहा पर हिंसा भड़काने में काफ़ी अहम भूमिका रही। पुलिस पूछताछ में ही 18 से 25 वर्ष की आयु के लगभग 80 आरोपियों ने यह दावा किया है कि वे बेरोजगार थे और किसी तरह से यूट्यूब और सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा कमाई करना चाहते थे।
ख़ास बात ये है कि 8वीं पास हैं यूट्यूबर
इस हिंसा भड़काने में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले ज्यादातर यूट्यूबर में 8वीं पास हैं। उन्होंने सोशल मीडिया को पैसे कमाने का एक बहुत आसान तरीका माना और अधिक सब्सक्राइबर पाने के लिए इस तरह से सांप्रदायिक रूप से पोस्ट किए। इन दंगों की खबर फैलने के बाद वे एक्सक्लूसिव वीडियो और तस्वीरें लेने के लिए ही नूंह पहुंचे। कई लोग तो दावा करते हैं कि उन्होंने इन्हें लोकप्रिय सोशल मीडिया हैंडल पर भी ऊंची कीमत पर बेचा है।
उन्होने अधिक ‘फॉलोअर्स’ पाने के लिए किया ऐसा
जांच के दौरान एक यूट्यूबर ने पुलिस को बताया कि जैसे ही हमें पता चला कि वहा हिंसा शुरू हो गई है। इसलिए ही हम वहा जलती हुई कारों के विशेष फुटेज प्राप्त करने के लिए ही दौड़ पड़े। हमें बिलकुल नहीं पता था कि यह इतना खतरनाक मोड़ ले लेगा और हम इस प्रकार से पकड़े जाएंगे जैसा कि हम वीडियो में देख रहे थे। मैंने किसी भी पत्थर या मशाल को नहीं छुआ । मैं तो केवल अपने चैनल के लिए अधिक फॉलोअर्स प्राप्त करने का ही प्रयास कर रहा था।
वो सब ही ब्लॉग के जरिए कमाते हैं पैसे
यूट्यूब नूंह के ही कई सारे युवाओं के लिए एक प्रमुख करियर विकल्प के रूप में उभरा है, जो साइबर अपराध में भी शामिल नहीं हैं। इस क्षेत्र में रोजगार का कोई बड़ा विकल्प नहीं होने के कारण ही, युवाओं को ब्लॉग बनाने वाले लोकप्रिय यूट्यूबर की दैनिक आय के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है।नूंह पुलिस द्वारा ही सबूत के तौर पर जब्त किए गए लगभग 30 प्रतिशत वीडियो इन आरोपियों द्वारा ही बनाए गए वीलॉग हैं।
(हम अभी भी जांच कर रहे हैं। ये यूट्यूबर्स की एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। एक बार जांच पूरी हो जाए तो हम बता पाएंगे कि वास्तविक हिंसा में कौन शामिल थे।
नरेंद्र बिजारणिया SP, नूंह)