AIN NEWS 1 हरियाणा: नूंह मे हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद से ही नूंह में रह रहे रोहिंग्या (Rohingya) शरणार्थियों पर अब पुलिस का कड़ा एक्शन शुरू हो गया है। पुलिस द्वारा अब इन रोहिंग्या शरणार्थियों को नूंह से निकालकर वहा से करीब 270 किलोमीटर दूर फतेहाबाद में ही बसाने की अपनी तैयारी कर रही है। प्राप्त सूत्रों का कहना कि पुलिस ने इस बाबत अपने उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखा है। इसके साथ ही इन सभी रोहिंग्याओं के पहचान पत्रों की जांच की भी उच्च अधिकारियों से सिफारिश की गई है।पुलिस की ओर से अपने उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र के माध्यम से यह बताया गया है कि नूंह में रह रहे कई सारे रोहिंग्या शरणार्थी कई सारी आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। इनमें से कई तो इस हिंसा में भी शामिल थे। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार ही, नूंह हिंसा में शामिल कइयों को तो गिरफ्तार भी किया गया है और उनसे पूरी तरह से पूछताछ की जा रही है।रहे हैं। वे म्यांमार से असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते ही नूंह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने असम और पश्चिम बंगाल से अपने लिए फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र भी बनवाए। इन आरोपियों ने बताया कि ज्यादातर लोग उनका शोषण करते हैं। उनकी महिलाओं से भी दुर्व्यवहार करते हैं। उन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए हर प्रकार से मजबूर भी किया जाता है।
जैसा कि आप सभी जानते है कि, नूंह में 31 जुलाई को हुए विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गई बृजमंडल यात्रा पर पथराव और आगजनी के बाद से भड़की हिंसा में रोहिंग्या शरणार्थियों के भी काफ़ी संख्या में शामिल होने के बात सामने आई है। पुलिस ने इस सिलसिले में 20 से अधिक मुकदमे भी दर्ज कर 25 के आसपास रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार भी किया है। अधिकारियों का कहना है कि इनके सभी दस्तावेजों की भी पूरी जांच की जा रही है।
बता दें नूंह में रह रहे ज्यादातर रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन प्रांत से आए हुए हैं। साल 2017 में हुई हिंसा के बाद से वह भारत के कई रास्तों से होते हुए नूंह आए थे। बताया जा रहा है कि अब तक नूंह में इनकी संख्या दो हजार के आसपास पहुंच गई है। इनमें से अधिकांश के पास में शरणारथी का यूएन कार्ड है। पुलिस को इस बात की पूरी आशंका है कि शरणार्थी बन रह रहे कई रोहिंग्या मुसलमानों ने भी नूंह में हुई साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने में अपनी संलिप्तता निभाई है। पुलिस के पास इसके सभी इनपुट्स मौजूद हैं।