AIN NEWS 1: हरियाणा में बढ़ते गैंग कल्चर और युवाओं पर उसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य पुलिस ने अब तक का सबसे सख्त कदम उठाया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) ओपी सिंह ने एक विस्तृत और सख्त चिट्ठी जारी की है, जिसे राज्यभर के पुलिस चौकी इंचार्ज से लेकर ADGP स्तर के अधिकारियों तक भेजा गया है। यह चिट्ठी केवल एक सामान्य निर्देश नहीं, बल्कि हरियाणा में अपराध को बढ़ावा देने वाली पूरी व्यवस्था पर सीधा हमला है।

गैंग कल्चर पर कड़ा प्रहार — पुलिस की नई रणनीति
इस चिट्ठी में DGP ने साफ संदेश दिया है कि हरियाणा में गैंगस्टरों का प्रभाव अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि केवल अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि उन कलाकारों पर भी कार्रवाई की जाए जो अपने गीतों और म्यूजिक वीडियो के जरिए “बदमाशी” की छवि बेच रहे हैं और युवाओं को गलत राह पर डाल रहे हैं।
पुलिस प्रमुख का कहना है कि जब माता-पिता, शिक्षक और समाज मिलकर बच्चों को सही रास्ता दिखाने की कोशिश करते हैं, तब ये कलाकार कुछ मिनटों में उन्हें हिंसा के महिमामंडन की ओर धकेल देते हैं। इस वजह से अपराध जैसा गंभीर विषय भी आजकल फैंसी लाइफस्टाइल की तरह पेश किया जाने लगा है।
DGP के पत्र में मुख्य बातें
चिट्ठी में DGP ओपी सिंह ने तीन बड़ी बातें साफ-साफ लिखी हैं —
1. पूरा इको सिस्टम खत्म करना जरूरी
उन्होंने कहा कि केवल अपराधियों को पकड़ना काफी नहीं है। जरूरी है कि उनके पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए —
हथियार देने वाले,
पैसे संभालने वाले,
सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराने वाले,
और सोशल मीडिया के जरिए उनके ‘हीरो इमेज’ बनाने वाले सभी लोग निशाने पर होंगे।
DGP ने जोर देकर कहा कि इस पूरे इको सिस्टम को जड़ से खत्म करना ही असली सफलता होगी।
2. अपराधी मुट्ठीभर, पुलिस की ताकत कहीं अधिक
ओपी सिंह ने पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए लिखा कि अपराधी चाहे जितना भी शोर मचाएं, पर वे संख्या में बहुत कम हैं।
उन्होंने कहा—
“हमारा तंत्र बड़ा है, हमारी इच्छा शक्ति मजबूत है और कानून हमारे साथ है। कट्टाबाज और रंगदार बस इधर-उधर भागते फिरते हैं, और उन्हें नाथने की पूरी क्षमता हमारे पास है।”
यह संदेश साफ करता है कि हरियाणा पुलिस अब पूरी तरह हमलावर मोड में है।
3. अपराधियों के ‘नाखून-दांत’ तोड़ने की बात
पत्र में DGP ने बताया कि ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत अब तक:
250 से ज्यादा कट्टा, रिवॉल्वर और पिस्तौल
300 से अधिक कारतूस
बरामद किए जा चुके हैं।
उन्होंने लिखा कि इन अभियानों ने कई अपराधियों की ‘ताकत’ खत्म कर दी है। उनसे हथियार लेकर और जेल भेजकर उनका आतंक खत्म किया गया है।
DGP ने गुरु गोबिंद सिंह की प्रसिद्ध पंक्तियाँ भी उद्धृत की
“चिड़िया नाल मैं बाज लड़ावां.. सवा लाख से एक लड़ावां…”
इससे उन्होंने पुलिस को प्रेरित करने की कोशिश की कि हौसला रखें, क्योंकि जीत उनकी ही होगी।
गैंग कल्चर को बढ़ावा देने वाले गानों पर बड़ी कार्रवाई
हरियाणा में लंबे समय से यह चिंता बनी हुई थी कि कुछ गायक अपने गानों में हथियार, बदला, मारपीट, घर-बार उजाड़ने और गैंगस्टर लाइफ को ‘स्टाइल’ की तरह पेश कर रहे हैं।
इन गानों ने हजारों युवाओं को हिंसा की राह पर धकेला है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने ऐसे गानों पर बैन लगाना शुरू किया है।
अब तक 9 गायकों के 30 से अधिक गाने बैन
सबसे अधिक गानों पर बैन लोकप्रिय गायक मासूम शर्मा के हुए हैं।
इसके अलावा जिन कलाकारों के गानों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें शामिल हैं:
अमित सैनी रोहतकिया
गजेंद्र फौगाट
सुमित पारता
हर्ष सिंधु
राज मावर
मनीषा शर्मा
अंकित बालियान
कुलबीर दनौदा (KD)
सरकार का कहना है कि ये गाने युवाओं के दिमाग में अपराध को ‘ग्लैमर’ की तरह पेश करते हैं।
DGP का वायरल बयान—थार और बुलेट पर भी सख्ती
कुछ समय पहले DGP ओपी सिंह अपने एक बयान से चर्चा में आए थे।
गुरुग्राम में उन्होंने कहा —
“पुलिस सभी गाड़ियों को नहीं पकड़ेगी, लेकिन थार और बुलेट वालों पर जरूर नजर रहेगी। बदमाश अक्सर इन्हीं दो गाड़ियों से चलते हैं। जिस तरह की गाड़ी कोई चुनता है, वह उसके माइंडसेट को दिखाता है।”
उन्होंने एक उदाहरण भी दिया कि एक ACP के बेटे ने थार चढ़ा दी और बाद में परिवार पुलिस से ‘रिक्वेस्ट’ करता रहा।
DGP ने कहा —
“थार सिर्फ गाड़ी नहीं, स्टेटमेंट बन चुकी है—कि हम ऐसे हैं। अगर गाड़ी लेकर दादागिरी करोगे तो कानून से बच नहीं पाओगे।”
इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी थी।
ऑपरेशन ट्रैकडाउन: हरियाणा में नई शुरुआत
हरियाणा पुलिस के इस बड़े अभियान का उद्देश्य सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि गैंगस्टर लाइफस्टाइल को समाज से मिटाना है।
इस मिशन के तहत —
गांवों में लगातार छापेमारी,
सोशल मीडिया निगरानी,
हथियारों की सप्लाई चेन पर कार्रवाई,
अपराधियों के फाइनेंसरों की पहचान,
और बदमाशों को ‘हीरो’ दिखाने वाली सामग्री रोकना शामिल है।
राज्य पुलिस का दावा है कि आने वाले महीनों में इस अभियान के परिणाम और भी कड़े व स्पष्ट दिखेंगे।
क्यों बढ़ा गैंग कल्चर? — एक विश्लेषण
हरियाणा का फिल्मी म्यूजिक इंडस्ट्री तेजी से बढ़ा है। लेकिन इसी तेजी में कुछ कलाकारों ने ग्लैमर और कमाई के लालच में अपराध को ‘स्टाइलिश’ दिखाना शुरू कर दिया।
युवाओं में लाइक्स, फॉलोअर्स और रील्स बनाने का ट्रेंड भी बढ़ा। नतीजा यह हुआ कि हथियार दिखाना ‘फैशन’ बन गया।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि:
16 से 25 साल की उम्र का युवा इस तरह की सामग्री से अधिक प्रभावित होता है।
गाने और वीडियो, दिमाग पर सीधे असर डालते हैं।
घर के विचार और सामाजिक नियम कमजोर पड़ जाते हैं।
राज्य सरकार अब इन मुद्दों को रोकने के लिए कठोर कानून और प्रतिबंध लागू कर रही है।
लोगों की राय—सख्ती जरूरी थी या नहीं?
प्रदेश में लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है।
एक बड़ा वर्ग इस अभियान का समर्थन कर रहा है और कहता है—
“बदमाशी को हीरो दिखाने वाले गानों ने हमारे बच्चों को गलत दिशा में धकेला। इन पर रोक लगनी ही चाहिए थी।”
वहीं कुछ लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या पूरी इंडस्ट्री को अपराधियों के बराबर मानना सही है?
सरकार का जवाब है कि जो कलाकार अपराध glorify करते हैं, केवल वही निशाने पर हैं।
हरियाणा अब निर्णायक लड़ाई में
DGP ओपी सिंह की चिट्ठी यह साफ करती है कि हरियाणा पुलिस अब गैंगस्टर कल्चर को किसी भी कीमत पर खत्म करने के लिए तैयार है।
गानों पर प्रतिबंध, अपराधियों के पूरे नेटवर्क की धरपकड़, सोशल मीडिया की निगरानी और युवाओं में जागरूकता — यह सब मिलकर राज्य में नई दिशा स्थापित कर सकते हैं।
अगर यह अभियान सफल हुआ तो हरियाणा एक बार फिर खेल, खेती और मेहनत के लिए जाना जाएगा, न कि गैंग कल्चर के लिए।
Haryana has intensified its crackdown on gang culture as DGP OP Singh issued a strong warning to singers and influencers who promote criminal lifestyle, violence, weapons, and gangster image through music videos. Under Operation Trackdown, Haryana Police is targeting the entire ecosystem supporting gangsters, including weapon suppliers, financers, and social media handlers. The ban on gun culture songs in Haryana aims to protect youth from glorified crime content and restore discipline in society.



















