AIN NEWS 1 सहारनपुर: दिनांक 19 जुलाई 2025 को फतेहपुर कलसिया रोड स्थित ठाकुर चंद्रपाल आईटीआई, कमालपुर (छुटमलपुर), जिला सहारनपुर में हिंदू जागरण मंच के तत्वावधान में भव्य कांवड़ शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्घाटन सनातन धर्म की विभिन्न धाराओं के संतों ने सामूहिक रूप से फीता काटकर किया, जो धार्मिक समरसता और मानवता की भावना का प्रतीक रहा।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से हिंदू जागरण मंच के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने संतों का पारंपरिक पटका पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर संतों की उपस्थिति और उनके संदेशों ने इस आयोजन को एक धार्मिक एकता के मंच में बदल दिया।
संतों का संदेश: कांवड़ यात्रा – समरसता की मिसाल
शिविर में उपस्थित प्रमुख संतों में महात्मा राजकुमार दास, महात्मा भूपेंद्र दास, महात्मा जगरामदास, महात्मा सुंदरदास आचार्य, साध्वी रोशनी, महात्मा साइदास और चंदूदास शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पूरे समाज को जोड़ने वाली एक आध्यात्मिक परंपरा है।
इन संतों ने बताया कि यह यात्रा भक्ति, एकता और सेवा की भावना को बढ़ावा देती है। यह ऐसा आयोजन है जिसमें हर जाति, वर्ग और समुदाय के लोग मिलकर भगवान शिव की भक्ति में लीन होते हैं और एक दूसरे के साथ मानवीय सहयोग की मिसाल पेश करते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के साथ शिव तत्व की व्याख्या
कार्यक्रम के दौरान ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता—“हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय”—का पाठ किया। उन्होंने इसे शिव तत्व की व्याख्या से जोड़ा और बताया कि शिव सिर्फ देवता नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और मानवता की प्रेरणा हैं।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का मूल तत्व वसुधैव कुटुम्बकम् है, और इसी भावना से कांवड़ यात्रा समाज को जोड़ती है। शिविर का उद्देश्य भी यही रहा—समरसता, सहयोग और सेवा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस पावन अवसर पर रामपुर मनिहार क्षेत्र से विधायक देवेंद्र निम भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी आयोजकों और कार्यकर्ताओं को साधुवाद दिया और कांवड़ शिविर को समरसता शिविर के रूप में बदलने के प्रयासों की सराहना की।
उनका कहना था कि आज देश को ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है जो धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाएं।
कार्यक्रम में मौजूद अन्य प्रमुख लोग:
शिवम जोगी, अध्यक्ष, युवा जागरण मंच
रजत गोयल, प्रचार प्रमुख
महात्मा सोराज दास
महात्मा कुंवर पाल
महात्मा मांगेराम
महात्मा अरविंद डबरा
ठाकुर जसवीर सिंह
मांडू वाला के प्रधान विजयपाल राणा
गौ रक्षा दल के प्रमुख सोना पंडित
पूर्व प्रत्याशी राजीव
मास्टर विपिन
महात्मा जगरामदास
इन सभी लोगों की उपस्थिति से शिविर की गरिमा और अधिक बढ़ गई। सभी ने कांवड़ यात्रा को धर्म और समाज के बीच सेतु की तरह बताया।
कांवड़ शिविर: सेवा, भक्ति और सहयोग का संगम
कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन भी है। इस शिविर में कांवड़ियों को ठहरने, खाने और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि हर वर्ष हजारों की संख्या में कांवड़िए सहारनपुर से गुजरते हैं, ऐसे में इस तरह के शिविर उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
शिविर का उद्देश्य और संदेश
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक भावना को मजबूती देना है, बल्कि समाज में फैले भेदभाव, वैमनस्य और दूरी को मिटाकर एक सशक्त और समरस भारत की नींव रखना भी है।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में इस शिविर को और भी व्यापक रूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि सनातन धर्म की मूल आत्मा—एकता, भक्ति और सेवा—को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
On July 19, 2025, a Kawad camp was inaugurated in Saharanpur under the leadership of Hindu Jagran Manch, where prominent Sanatan Dharma saints came together to bless the spiritual journey of Kawad Yatra. This event emphasized unity, religious harmony, and Shiva devotion during the sacred month of Shravan. Attended by local leaders, youth organizations, and spiritual figures, the Kawad camp served as a model for service, cooperation, and community values in Uttar Pradesh. With increasing participation each year, such camps continue to strengthen India’s cultural and religious fabric.