AIN NEWS 1: बता दें उत्तर भारत में हवा की खराब गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सरकार अपने स्तर पर सभी सम्भव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में CAQM (Commission for Air Quality Management) ने दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम सहित आसपास के अन्य इलाकों को निर्देश दे दिया है कि साल 2026 तक ही डीजल से चलने वाले सभी ऑटो पूरी तरह से हटा दिए जाएं. बताते चलें कि अक्टूबर का महीना शुरू होने के साथ ही उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों, खासतौर से दिल्ली-एनसीआर की हवा काफी ज्यादा प्रदूषित हो जाती है. लिहाजा, CAQM का प्लान है कि जनवरी, 2027 से दिल्ली और एनसीआर में सिर्फ e-auto ही चलाए जाएं.
दिल्ली और एनसीआर में सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को ही चलाने की इजाजत है, इसके बावजूद एनसीआर में आने वाले कई जगहों पर आज भी डीजल से चलने वाले ऑटो काफ़ी ज्यादा मिल जाते हैं. हालांकि, डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा की संख्या काफी कम हैं. लिहाजा, CAQM ने आदेश दिए हैं कि एनसीआर में आने वाले सभी जगहों पर 1 जनवरी, 2023 से सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा के ही रजिस्ट्रेशन किए जाएं और 31 दिसंबर, 2026 तक डीजल से चलने वाले सभी ऑटो रिक्शा को हटा दिया जाए. जनवरी, 2023 से सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो का ही होगा रजिस्ट्रेशन दिल्ली एनसीआर में शामिल हैं हरियाणा के 14, यूपी के 8 और राजस्थान के 2 जिले बताते चलें कि एनसीआर में पूरी दिल्ली समेत हरियाणा के 14 जिले, उत्तर प्रदेश के 8 जिले और राजस्थान के भी दो जिले शामिल हैं. दिल्ली ने 1998 में डीजल ऑटो रिक्शा के अपने बेड़े को सीएनजी में बदलने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था. दिल्ली में फिलहाल डीजल से चलने वाले ऑटो का रजिस्ट्रेशन नहीं है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने पिछले साल अक्टूबर में 4,261 ई-ऑटो के रजिस्ट्रेशन के लिए एक योजना की शुरुआत की थी.
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा की
मैनपुरी को 'समाजवाद' नहीं, 'रामराज्य' चाहिए…#योगी #YogiAdityanath #yogi #YogiAdityanathji pic.twitter.com/LEoM1MqOoT
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) December 2, 2022