AIN NEWS 1 नई दिल्ली: अनिल राय की कहानी एक शानदार प्रेरणा का उदाहरण है। उनका बचपन सिनेमा के प्रति असीम प्रेम से भरा हुआ था, और पढ़ाई में उनकी रुचि बहुत कम थी। पिता की इच्छाओं के बावजूद, उन्होंने मुश्किल से 10वीं कक्षा में थर्ड डिवीजन पास किया। रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनकी आलोचना की, लेकिन उनके पिता ने उन पर पूरा भरोसा किया।
पिता के प्रेरणादायक शब्दों और समर्थन ने अनिल राय को 12वीं कक्षा में सेकंड डिवीजन प्राप्त करने की प्रेरणा दी। इसके बाद, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने 71% अंक प्राप्त किए और ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन में टॉप किया। हालांकि, पीएचडी के लिए समय न मिलने के कारण उन्होंने स्कॉलरशिप प्राप्त नहीं की।
अनिल राय ने पीपीएस की परीक्षा दी और डीएसपी बने। परिवार की जिम्मेदारी के चलते यूपीएससी की परीक्षा देने का उनका सपना अधूरा रह गया। हालांकि, उनके उत्कृष्ट कार्य के कारण उन्हें आईपीएस का पद मिला। अनिल राय ने बस्ती रेंज के आईजी और पीएसी के डीआईजी के रूप में सेवा की और अपनी कड़ी मेहनत के लिए दो बार राष्ट्रपति पुलिस मेडल भी प्राप्त किया।
35 साल की शानदार सेवा के बाद अनिल राय अब रिटायर हो चुके हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि लगन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।