AIN NEWS 1 बस्ती, यूपी: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 10वीं के एक छात्र को उसके दोस्तों ने बर्थडे पार्टी में बुलाकर बेरहमी से पीटा और अपमानित किया। आरोपियों ने छात्र को न सिर्फ नंगा कर मारा-पीटा, बल्कि उसके मुंह पर पेशाब भी कर दिया और वीडियो बनाकर उसे धमकाया। इस घटना के बाद छात्र ने आत्महत्या कर ली। पुलिस की लापरवाही के चलते यह मामला और भी गंभीर हो गया, जिसके बाद आरोपी गिरफ्तार किए गए और थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया।
घटना का विवरण:
20 दिसंबर को, 17 वर्षीय छात्र को उसके गांव के विनय कुमार ने एक लड़की के बर्थडे पार्टी में बुलाया। पार्टी में विनय के साथ सोनल, काजू प्रसाद और आकाश भी मौजूद थे, जो सभी छात्र के साथ पढ़ाई करते थे। पार्टी के दौरान आरोपियों ने छात्र से उसकी दोस्ती को लेकर विवाद किया और उसे एक अंधेरे मकान के पीछे ले जाकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। छात्र को निर्वस्त्र कर दिया गया और उसके मुंह पर पेशाब किया गया। इसके अलावा आरोपियों ने छात्र का वीडियो भी बनाया और उसे वीडियो डिलीट करने के लिए दबाव डाला। जब छात्र ने वीडियो हटाने की बात की, तो आरोपियों ने उसे थूककर चटवाया और उसे जान से मारने की धमकी दी।
परिजनों को घटना की जानकारी:
बच्चे के घर लौटने पर वह बहुत निराश और परेशान था। उसने अपनी मां से पूरी घटना का विवरण दिया। मां के अनुसार, छात्र के साथ हुई इस घिनौनी घटना के बाद वह पूरी रात रोता रहा। अगले दिन जब छात्र की मां ने उससे पूछताछ की तो उसने सब कुछ बता दिया। इसके बाद छात्र के परिजन उसे लेकर कप्तानगंज थाने गए और शिकायत दर्ज कराई, लेकिन थानेदार ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
आत्महत्या की घटना:
पुलिस से कोई सहायता न मिलने और बदनामी के डर से छात्र ने सोमवार को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र की मां का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो उनके बेटे की जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस की कार्रवाई:
छात्र की आत्महत्या के बाद परिजनों ने शव के साथ एसपी ऑफिस का रुख किया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझा और आरोपी काजू, आकाश, विनय और सोनल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि छात्र के शव का पोस्टमॉर्टम करवा लिया गया है। इसके अलावा कप्तानगंज थाने के एसओ दीपक कुमार दुबे को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि पुलिस की लापरवाही और आरोपियों का डर उस मासूम छात्र की जान की कीमत पर भारी पड़ा। यह घटना बस्ती जिले में एक बड़ा सवाल उठाती है कि आखिर जब पुलिस को जानकारी दी गई थी, तो उसने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की। अब पुलिस ने गिरफ्तारी तो की है, लेकिन इस अपराध के बाद छात्र की मौत ने एक गहरी धब्बा छोड़ दिया है।