AIN NEWS 1 : महाकुंभ 2025 महादिव्य और महाभव्य के साथ अविस्मरणीय भी होने वाला है । इस महाकुंभ में आपको नया प्रयागराज दिखेगा, जिसका वैभव और गौरव पूरी दुनिया देखेगी। विश्व का यह सबसे बड़ा धार्मिक जनसमागम नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का ही प्रतीक उत्सव होगा। गुरुवार शाम महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सरकार की शीर्ष बैठक में यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण मे कही।
जाने कुंभ 2019 के आयोजन ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर दी पहचान
सीएम योगी ने कहा कि दिव्य और भव्य कुंभ 2019 के आयोजन ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक अलग ही विशिष्ट पहचान दी है। यूनेस्को ने इसे विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया। आगामी महाकुंभ से दुनिया भर की काफ़ी अपेक्षाएं जुड़ी हैं। पूरे संसार के समक्ष अपने को भारत के नए प्रतीक चिह्न के रूप में प्रस्तुत करने का ही एक स्वर्णिम अवसर है। उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता, सांस्कृतिक समृद्धि एवं पर्यटन की सुविधाओं को प्रदर्शित करते हुए हम इस बार के महाकुंभ को और भी ज्यादा दिव्य बनाएंगे।
इस बैठक में शामिल हुए दोनों उपमुख्यमंत्री
वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ के महाआयोजन की तैयारी की शीर्ष बैठक में लगभग पूरी सरकार शामिल हुई। संगम तट के पास प्रयागराज मेला प्राधिकरण के मुख्यालय में महाकुंभ की तैयारियों को लेकर चले मंथन में मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी इसमें शामिल हुए।
जाने मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का होगा गठन
लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, नगर विकास मंत्री एके शर्मा के साथ ही मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र, डीजीपी डीएस चौहान व तीन अपर मुख्य सचिव व छह प्रमुख सचिवों ने 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने के अनुमान के साथ महाकुंभ की तैयारी का पूरा खाका भी प्रस्तुत किया और कहा कि मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाए और प्रत्येक सप्ताह परियोजनाओं की मानीटरिंग भी की जाए। सभी परियोजनाओं को आनलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाए। बिना लापरवाही के समय पर काम पूरा कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा और यमुना पर रिवर फ्रंट बनाया जाए। इसके लिए कार्ययोजना शीघ्र ही शासन को भी भेजी जाए। क्राउड मैनेजमेंट, डिजास्टर व ट्रैफिक मैनेजमेंट उच्चस्तरीय हो। पिछले कुंभ का अनुभव तथा विशेषज्ञों की राय ली जाए। महाकुंभ को सुरक्षा, स्वच्छता व सुव्यवस्था का मानक भी बनाया जाए। स्वच्छाग्रही व शौचालय की संख्या भी बढ़ाएं। सुरक्षा की उच्च स्तरीय व्यवस्था की जाए।महाकुंभ की महातैयारी 6800 करोड़ रुपये कुंभ मेला बसाने में खर्च होंगे। इसमें 2019 में 4200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, 2019 में लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। महाकुभ का क्षेत्रफल 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। पिछली बार की अपेक्षा 3700 हेक्टेयर भूमि पर महाकुंभ बसाने की पूरी तैयारी है। पिछली बार 3300 हेक्टेयर में महाकुंभ बसाया गया था। इस बार 25 पांटून पुल बनेंगे, जिनकी संख्या पिछली बार 22 थी। इस बार 20 की जगह 23 सेक्टर बनाए जाएंगे। इस बार 20 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जो पिछली बार15 हजार थे। 4000 के बजाय इस बार 10,000 वालंटियर होंगे।
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— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) November 24, 2022
22 हजार सफाईकर्मियों की होगी तैनाती
महाकुंभ में 22 हजार स्वच्छाग्रही (सफाईकर्मी) सफाई के लिए तैनात होंगे। पिछली बार इनकी कुल संख्या 16 हजार थी। इसके अलावा, 500 शटल बसों का भी संचालन। पिछले कुंभ में 300 शटल बसें लगी थीं। महाकुंभ में 20 प्रमुख प्रवेश द्वार होंगे और 54 बड़े पार्किंग स्थल बनाए जाने की तैयारी चल रही है।