AIN NEWS 1 संभल: पिता का सपना, बेटी की बारात आए तो पूरा गांव उसे देखे। दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर आए। बैंड बजे। बाराती नाचें। खुशियां हर तरफ बिखरे। लेकिन, डर भी था। जातीय बंधनों का। समाज की कुरीतियों का। अपने दलित होने का। बाल्मिकी समाज से आने का। लेकिन, उसके एक आवेदन किया। और सारे बंधन टूट गए। बेटी की बारात भी सजी। बैंड भी बजा। और दूल्हा घोड़ी भी चढ़ा। 13 दरोगा और 59 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रही। शादी समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ तो पुलिस प्रशासन के पक्ष में जमकर नारेबाजी भी हुई। बेटी के जाने का गम तो था। लेकिन, खुशी थी समाज के उस दकियानूसी सोच के टूटने की। जो एक बेटी का बारात सजने और दूल्हे के घोड़ी चढ़ने को भी गलत मानता रहा था। मामला उत्तर प्रदेश के संभल जिले का ही है।

 

यहां बाल्मीकि समाज से आने वाली बेटी की शादी में बारात सजाने भारी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे। और संभल जिले में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में कुछ लोगों की तरफ से बाधा डालने की आशंका जताकर एसपी से मदद मांगी थी। एसपी ने 13 दरोगा और 59 पुलिसकर्मियों की तैनाती वहा कर शादी को धूमधाम से कराने का आदेश दिया। दलित परिवार की बेटी की शादी शुक्रवार रात में पुलिस की मौजूदगी में हुई। थाना प्रभारी ने भी शादी में 11 हजार रुपए का अपनी तरफ से कन्यादान किया। मामला संभल जिले के थाना जुनावई क्षेत्र के लोहामई गांव का है। दलित समाज के राजू चौहान ने पुलिस को बताया कि गांव में बैंड बाजे के साथ हमारी बारात निकालने नहीं दी जाती हैं। मैं अपनी बेटी रवीना की बैंड बाजे के साथ घुड़चढ़ी भी कराना चाहता हूं। उसने एसपी से सुरक्षा की मांग की थी।

जाने क्या है पूरा मामला?

एसपी ने चक्रेश मिश्रा ने बेटी की शादी धूमधाम से कराने का भरोसा दिया। राजू चौहान की बेटी की बारात शुक्रवार शाम जनपद बदायूं से उसके गांव पहुंची थी। घुड़चढ़ी के लिए 60 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। गांव में जगह जगह पुलिस तैनात रही। पुलिस सुरक्षा में बैंड बाजे के साथ बारात की चढ़त भी हुई। बराती बैंड बाजे पर खूब नाचे। सीओ गुन्नौर आलोक सिंह और थाना जुनावई प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा बारात के साथ- साथ रहे।

बता दें थाना प्रभारी ने बेटी को दी बधाई

जुनावई थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने राजू चौहान की बेटी की शादी में 11 हजार रुपये अपनी तरफ से भी दिया। बेटी को शादी की बधाई भी दी। थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने बताया कि बारात चढ़त और विवाह में सुरक्षा के लिए पुलिस साथ साथ रही। गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से युवती की बारात चढ़त हुई। दूल्हा-दुल्हन के फेरे और विदाई होने तक पुलिस गांव में ही तैनात रही। वाल्मीकि समाज के मोहित कुमार का कहना है कि शादी में कोई भी रुकावट नहीं हुई। विवाह की सभी रस्में शानदार तरीके से पूरी हुई। पुलिस गांव में मौजूद रही। उन्होंने पुलिस प्रशासन का आभार जताया। गांव में पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे भी लगे।संभल में दलित समाज की बेटी की शादी धूमधाम से होने के बाद कई लोगों ने यह दावा किया कि आजादी के बाद पहली बार इस प्रकार की शादी हुई है। दलित समाज का युवक घोड़ी पर चढ़ा। इस दौरान किसी भी पक्ष की ओर से कोई आपत्ति की नहीं की गई। लोगों ने माना कि अब समाज की सोच में बदलाव आ रहा है।

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