AIN NEWS 1: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जनजातीय जिले में शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच भड़की हिंसा ने देश को हिलाकर रख दिया है। इस हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह संघर्ष 21 नवंबर को शुरू हुआ और अब तक लगातार बढ़ता जा रहा है।
हिंसा की शुरुआत
खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच संघर्ष 21 नवंबर को शुरू हुआ। इस संघर्ष ने देखते ही देखते पूरे जिले में व्यापक रूप ले लिया। दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें एक-दूसरे पर हमला करने, संपत्ति को आग लगाने और लोगों को अपहृत करने जैसी घटनाएं सामने आईं।
सीजफायर की घोषणा
इस हिंसा के बाद दोनों समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने 25 नवंबर को सीजफायर की घोषणा की। इसके बावजूद, इलाके में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और दोनों पक्षों के बीच समझौता करना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
शिया और सुन्नी के बीच टकराव
कुर्रम जिले में यह संघर्ष शिया और सुन्नी समुदायों के बीच ऐतिहासिक रूप से चले आ रहे मतभेदों का परिणाम है। यहां पर दोनों समुदायों के बीच कई वर्षों से संघर्ष और तनाव चल रहा है। इस बार हिंसा की तीव्रता पहले से कहीं अधिक थी, जिसके कारण भारी संख्या में लोग प्रभावित हुए।
जानमाल का नुकसान
हिंसा के परिणामस्वरूप अब तक 150 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसके अलावा, कई लोग घायल भी हुए हैं और सैकड़ों लोग अपने घरों को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए हैं। कई घर जल गए हैं और कई दुकानें व संपत्तियां भी आग में जलकर राख हो गईं।
सरकार की स्थिति
पाकिस्तान सरकार ने इस हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को इलाके में तैनात किया है, लेकिन स्थिति अभी भी बेहद नाजुक है। सरकार ने शांति कायम करने के लिए सीजफायर की घोषणा की, लेकिन इलाके में दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी और लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों के कारण शांति स्थापित करना चुनौतीपूर्ण है।
आगे की दिशा
हालांकि सीजफायर लागू किया गया है, लेकिन कुर्रम जिले और आसपास के इलाकों में शांति की बहाली के लिए पाकिस्तान सरकार को अधिक प्रयास करने होंगे। यह संघर्ष न केवल पाकिस्तान के अंदर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है।
इस हिंसा से पाकिस्तान में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच गहरे सांप्रदायिक मतभेदों और उनके समाधान में होने वाली कठिनाइयों को भी उजागर किया है। सरकार और दोनों समुदायों के नेताओं के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, और स्थिति के सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।
निष्कर्ष: कुर्रम जिले में शिया-सुन्नी हिंसा के कारण पाकिस्तान में तात्कालिक संकट पैदा हो गया है। हालांकि सीजफायर की घोषणा की गई है, लेकिन इलाके में शांति कायम करना और दोनों समुदायों के बीच सद्भावना लौटाना एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है।