AIN NEWS 1: एक छोटा-सा घर। उसमें दो छोटे छोटे कमरे और एक बरामदा। आंगन में चारपाई पर लेटे बेबस पिता। बरामदे में कंबल में सिसकती 21 साल की उनकी बेटी। उसके पास बैठी मां और पास में ही बर्तन धोती बहू। यह कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि बरेली के शाही कस्बे के एक हिंदू परिवार के घर का सीन है।

जैसे ही मिडिया की टीम उस घर के अंदर घुसी, लड़की कभी मां को देखकर रोती, तो कभी भाई से लिपट कर जोर जोर से रोने लगती। उसे इस तरह से टॉर्चर किया गया था कि वह बात करते हुए भी बार बार रो पड़ी। ठीक से चलना तो दूर, वह ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।

बता दें 23 नवंबर को आगरा से बंधनमुक्त होकर नंगे पैर सड़क पर

रोती-बिलखती हालत में मदद के लिए गुहार लगाई। भीख मांगी, तो हर कोई पूछता कि आख़िर हुआ क्या? फटे हुए कपड़े, आंखों के पास चोट के नीले निशान देखकर हर कोई यही समझता कि कुछ तो गलत हुआ है।खैर, वो आगरा से किसी तरह अपने घर बरेली तो आ गई। उसके बाद उसने परिवारवालों को जो दर्द भरी दास्तान उसने सुनाई, उससे उन लोगों के भी रोंगटे खड़े हो गए। किसी तरह मां और भाई ने डॉक्टर बुलाकर उसका इलाज कराया और फिर शाही थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

अब जाने आगे की कहानी 21 साल की गैंगरेप पीड़िता की जुबानी…

वो बोली मैं बरेली के शाही कस्बे की हिंदू परिवार की रहने वाली लड़की हूं। जुलाई 2021 में मेरा अपहरण शाही कस्बे में रहने वाले अकलीम सैफी ने ही किया था। मुझे आखिरी बार आगरा के एक घर में बंधक बनाकर रखा गया। मगर, मुझे यह नहीं पता है कि वह किसका घर था।उसने अपहरण करने के बाद पहले मुझे कई नशीले इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया। फिर बंधक बनाकर मेरे साथ कई बार रेप किया। इतना ही नहीं, एक मौलवी के यहां से धर्मपरिवर्तन कराकर मुझसे जबरन उसने निकाह भी कर लिया। इसके बाद अकलीम मुझे अपने साथ बिहार में किसी दूसरे स्थान पर ले गया। उस वक्त उसके भाई-बहन भी उसके साथ थे।

आरोपी अकलीम का फ़ोटो

वहां पर मुझे बंधक बनाकर काफ़ी टॉर्चर किया जाता था। मुझे बेरहमी से बार बार मारा-पीटा जाता। एक छोटे से अंधेरे कमरे में बंधक बनाकर रखा जाता था। इतना ही नहीं, हद तो तब हो गई जब अकलीम के साथ उसके दोनों भाई विसाल कुरैशी और शादाल कुरैशी भी मुझसे रेप करते थे। तीनों भाई जबरन मुझसे बारी बारी से गैंगरेप करते। जब मैं विरोध करती, तो मुझे गालियां देते और बुरी तरह से मुझे मारते-पीटते। यह सिलसिला लगातार 16 महीने तक चलता रहा।

मगर एक दिन मुझे मौका मिल गया। उस समय घर में कोई भी नहीं था। और ऐसा पहली बार हुआ था। मैंने किसी तरह खुद को बंधन मुक्त किया। चुपके से मै घर से बाहर निकल गई। रास्ते में एक मुस्लिम महिला मिली। मैंने जब अपनी आपबीती बताई, तो उन्होंने मेरी मदद की।

मेरे पास बरेली अपने घर आने के लिए भी किराया तक नहीं था। इसके चलते मैंने भीख मांगी। मैं लोगों से कहती- मुझे अपने घर जाना है, मैं काफ़ी परेशान हूं। मेरी मदद कर दो। मेरा पहना हुआ सूट भी फटा हुआ था। इसके बाद पैसे इकट्ठा होने पर मैं किसी तरह अपने घर पहुंची और अपनी मां को यह पूरी आपबीती सुनाई।

अगर मे गाय का मीट नहीं खाती तो लातों से पीटा जाता था

मैंने इतने जुल्म सहे हैं कि मैं बता भी नहीं सकती। कई बातें तो अब मुझे याद भी नहीं रही हैं। क्या-क्या मेरे साथ नहीं हुआ? सब कुछ मेरे साथ किया गया। मुझे गाय का मीट तक खिलाया जाता। मैं मना करती, तो अकलीम मुझे थप्पड़ ही थप्पड़ मारता। मैं जमीन पर गिर जाती। उसके बाद वो मुझे लातों से पीटता।

अकलीम, उसके भाई और बहन भी गाली देकर बोलते कि यह ऐसे नहीं मानेगी। अकलीम की मां भी फोन पर कहती थी कि इसको सब्जी गाय के मीट की ही खिलाना। नहीं तो कमरे में इसको बंद कर भूखी रखना। तीनों भाई और उनकी दोनों बहनें जानवरों की तरह मुझे बारी बारी टॉर्चर करते। मुझे एक कमरे से कभी भी निकलने नहीं दिया गया।

वहा मुझसे खून से सने कपड़े धुलवाए जाते

इतना ही नहीं, रोज मुझे बाथरूम में ले जाया जाता था। वहां कई-कई घंटे खून से सने हुए कपड़े मुझसे धुलवाए जाते। मेरे हाथ दुखते पर क्या करती, मजबूरी थी। एक तरफ से मार झेलनी पड़ रही थी और दूसरी तरफ सजा के तौर पर ऐसा काम भी करना पड़ रहा था।

अकलीम और उसके भाई जानवरों के कटान का ही काम करते थे। उनके खून से सने हुए सारे कपड़े हर बार मैं ही धुलती थी। विरोध करने पर गालियां मिलतीं। कभी अकलीम, तो कभी उसके भाई भी बाथरूम के बाहर ही कुर्सी डालकर बैठ जाते। जिससे कभी मैं उनके घर से कही भाग न जाऊं।जब मुझे पीटा जाता, तो मैं अपने भाई और मम्मी का नाम लेकर उन्हे याद करती। भगवान के हाथ जोड़ती कि हे भगवान मुझे इन जालिमों से बचा ले। तीनों लोग और उनकी बहन भी मुझे कहती किसी को भी याद कर ले, मगर अब तेरी यही ससुराल है। तुझे अपनी पूरी जिंदगी भर यहीं रहना है। ऐसे ही सब कुछ सहना है। अब तू हिंदू नहीं है। तेरा धर्म परिवर्तन कराकर तेरा निकाह कराया जा चुका है।

अब पुलिस ने कोर्ट में दर्ज कराए बयान

युवती के धर्म परिवर्तन और गैंगरेप के मामले में पुलिस ने पीड़िता के बयान अब दर्ज कराए हैं। साथ ही पुलिस ने पीड़िता के कोर्ट में भी बयान कराए हैं। हालांकि नामजद सभी 6 आरोपियों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़िता ने SSP ऑफिस पर 24 नवंबर को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।

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जिसमें शाही निवासी अकलीम, उसके भाई विसाल और शादाल पर धर्म परिवर्तन और गैंगरेप का आरोप लगाया था। अकलीम की बहन तरन्नुम और शाहीन और अपनी सहेली गजाला पर भी उसने मारपीट, वीडियो बनाने, धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर उसने केस दर्ज कराया था।

जान ले यह युवती ब्यूटी पार्लर चलाती थी 

युवती अपने घर में ही एक ब्यूटी पार्लर चलाती थी। ब्यूटी पार्लर पर उसकी 2 फ्रेंड तरन्नुम और गजाला भी कभी कभी आती रहती थीं। जुलाई, 2021 में एक दिन दोनों सहेली पीड़ित युवती को बहला फुसलाकर अपने घर ले गईं। वहां इन दोनों युवतियों ने उसको अपने घर में ही बंधक बना लिया।

आरोप है कि वहां तरन्नुम का भाई अकलीम भी तमंचा लेकर पहुंच गया। इसके बाद अकलीम ने तमंचे के बल पर ही उससे जबरन रेप किया। साथ ही अकलीम की बहनों ने ही उसकी आपत्तिजनक वीडियो भी बना ली थी। इसके बाद उसने धमकी दी कि अगर धर्म परिवर्तन से मना किया, तो इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल देंगे।

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