Friday, November 22, 2024

बिहार के बाद मेरठ में भी विरोध के सूर युवाओं , ने दिया तीन दिन का अल्टीमेटम, 20 को दिल्ली कूच की तैयारी

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Ainnews1.Com : सेना में चार साल की सेवा के लिये गये नए फैसले के बाद युवाओं में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी ये आ पंहुचा है युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया।

आसपास के इलाकों से आए युवाओं ने मेरठ कमिश्नरी पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व अपना विरोध दर्ज कराया । युवाओं ने कमिश्नर के नाम ज्ञापन भी दिया। वहीं, युवाओं ने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि अगर फैसला वापस नही लिया गया तो 20 जून को सभी दिल्ली कूच करेंगे । इसके अलावा हाइवे और एक्सप्रेसवे तक को जाम करने की चेतावनी भी दी है।

युवाओं की संख्या को देखते हुए कमिश्नरी का प्रवेश द्वार क़ो भी बंद करना पड़ा।केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती की नई प्रक्रिया लागू करने की तैयारी लगभग पूरी हो कर शुरू हो गई है। इसके तहत चार साल के लिए भर्ती होगी। इस नीति को लेकर जिले में सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे युवा कुछ युवक संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि नई नीति में आयु सीमा भी कम की जा रही है जो सही नहीं और सेवाकाल भी बेहद कम हो गया है। ऐसे में युवाओं के सामने भविष्य की चिंता खड़ी हो जाती है। अधिकतर युवाओं ने नई नीति को लागू न करने और इसे वापस लेने की मांग पुरजोर की है।इस समय मेरठ जिले में एक हजार से ज्यादा युवा सेना भर्ती की तैयारी मे दिन रात लगे है । नई भर्ती प्रक्रिया से नाराज युवाओं ने कहा कि नई नीति उनके साथ धोखा है। पिछले ढाई साल से सेना भर्ती न होने से युवा हताश और परेशान तो है ही ऐसे में नई भर्ती प्रक्रिया ने युवाओं को एक गहरा झटका दे दिया है। कुछ युवा पिछले 4 से 5 साल से भर्ती की तैयारी में लगे हैं। ये युवा आयु सीमा, सेवाकाल, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित अन्य सुविधाओं को लेकर भी बेहद चिंतित हैं।भर्ती की तैयारी में ही काफी खर्च हो गया इनका
जिटौली गांव में भर्ती की तैयारी कर रहे सागर तोमर ने कहा कि वह पिछले 5 साल से प्रयास कर रहे हैं। आर्मी मे भर्ती होने का काफी पैसा खर्च हो चुका है। अब चार साल के लिए नौकरी करेंगे तो भविष्य का पता नहीं क्या होगा । सरकार के इस निर्णय ने बेहद निराशा हुई। यह निर्णय वापस लेना ही चाहिए सरकार क़ो । जिटौली गांव में फिजिकल डिफेंस एकेडमी के एमडी एवं पूर्व सैनिक आदेश पूनिया ने बताया कि प्रतिवर्ष सेना से 55 हजार कुल सैनिक सेवानिवृत्त होते हैं। इसके बावजूद 19 अक्तूबर 2019 से भर्ती प्रक्रिया नहीं हो पाई थी कोरोना के चलते , जबकि डेढ़ लाख से ज्यादा पद अभी खाली हैं। सरकार ने 46 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया लाने की बात भी कही है, लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया से निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि 30,000 रुपये के वेतन में 20 से 21 हजार रुपये ही हाथों में आएंगे। सरकार को नई नीति वापस लेनी चाहिए।कैलाश प्रकाश स्टेडियम में लंबे समय से सेना भर्ती के लिए दौड़ सहित अन्य सभी अभ्यास कर रहे शोहबीर कहते हैं कि वह बचपन से ही सेना में जाने का सपना देख बड़े हुऐ है । कुछ साल से कड़ा अभ्यास भी कर रहे हैं, लेकिन अब तक पहली भर्ती भी नहीं देख पाये है। नई भर्ती नीति युवाओं के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।स्टेडियम में ही तैयारी कर रहे दीपक बिष्ट ने बताया कि सेना भर्ती की प्रक्रिया के लिए नई नीति उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं रहेगी । इसे वापस लिया जाना चाहिए।26 जून को करेंगे विरोध प्रदर्शन
भर्ती की तैयारी कर रहे अनिकेत प्रजापति का कहना है कि इसी नीति के विरोध में 26 जून को चौधरी चरण सिंह विवि में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए अधिक से अधिक युवाओं को इकठ्ठा किया जाएगा।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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