19 अगस्त को बनाया जा रहा है हरियाली तीज का पर्व , जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधी।
कहते हैं कि हरियाली तीज का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए रखा जाता है. आमतौर पर हरियाीली तीज के दिन अधिकतर महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां समेत 16 श्रृंगार करती हैं. इसे महिलाओं का दिन कहा जाता है और इस दिन भाई अपनी बहन के ससुराल उसका सिंधारा लेकर जाते हैं फिर बहन को ससुराल से मायके लेकर आते हैं. इस दिन का इंतजार हर महिला पूरे साल करती हैं
आज है हरियाली तीज कैसे करे तैयारी
आज यानि की 19 अगस्त को हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. साथ ही यह पर्व हरियाली का भी प्रतीक है और इसलिए इस दिन हरे रंग की चीजों का उपयोग अधिक किया जाता है. जिसमें हरे कपड़े, हरी चूड़ियां और मेहंदी सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है. सुहागिन महिलाएं इस दिन 16 श्रृंगार कर तैयार होती हैं और माता पार्वती का विधि-विधान से पूजन करती हैं. इस पर्व को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. कहीं महिलाएं व्रत रखती हैं तो कहीं तीज पार्टी का आयोजन किया जाता है. इस पर्व भी किसी भी तरह मनाएं लेकिन माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन जरूर करें. आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
हरियाली तीज पर बहुत शुभ योग का संयोग
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली तीज पर सुबह से लेकर रात 09:19 तक सिद्ध योग रहेगा. इसके बाद साध्य योग बनेगा, जो कि अगले दिन सुबह तक रहेगा. वहीं रवि योग देर रात 1:47 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 20 अगस्त को सुबह 5:53 पर खत्म होगा. इसके अलावा इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है, जो सुबह से लेकर देर रात 01:47 तक है.
इस दिन कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा जो व्रती को धन और करियर में लाभ पहुंचाएगा।वहीं सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन बनने वाला सिद्ध योग से व्रती की पूजा, मंत्र आदि सिद्ध होंगे
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरियाली तीज की पूजा के लिए 3 शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं. इस दिन आप सुबह 07:30 मिनट से 09:08 मिनट तक पूजा कर सकते हैं. इसके बाद आप दोपहर 12:25 मिनट से शाम 05:19 मिनट कर शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.
क्या है हरियाली तीज की पूजा विधि
हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और फिर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें. फिर घर व मंदिर की साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजायें. मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं और इसे चौकी पर स्थापित करें.
मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए पूजन करें. माता पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं और फल व फूल अर्पित करें. इसके बाद घी का दीपक प्रज्जवलित करें और व्रत कथा पढ़ें. फिर माता पार्वती की आरती करें और दिन भर निर्जला व्रत रखें. हरियाली तीज का व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद खोला जाता है. इसलिए रातभर जागकर भजन-कीर्तन करें. साथ ही हरियाली तीज की पूजा में गंगाजल, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, दूध, दही, घी, शहर,अबीर, चंदन, मौली, इत्र, शक्कर, पान, सुपारी, जनेऊ, पांच पल्लव, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक, कपूर, आक का फूल, कपूर, दूर्वा, धतूरे का फल, हल्दी, भांग, धतूरा, मिठाई, भस्म, जटावाल नारियल, बेलपत्र, गुलाल, अक्षत, धूप, दीपक, शमी का पत्ता, सुहाग की सामग्री।
पुजा करने के कौन- कौन से है मंत्र
वैसे तो सभी भगवान का पूजा करने के का मंत्र अलग- अलग होता है वैसे ही हरियाली तेज की पूजा करने का मंत्र अलग होता है। जो भी महीला पूजा रखती है वो मंत्र को जांप करती है केवल एक ही मंत्र नही होते है तीज के काफी सारी मंत्र है हरियाली व्रत्र के जो की इस प्रकार है।
पूजा मंत्र
गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया, मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।। , ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः , ऊं नम: शिवाय, ऊं पार्वत्यै नम: , ऊँ साम्ब शिवाय नमः , ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
, ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः