25 मिनट तक तड़पती रही साक्षी, खुद को लगा करंट; फिर भी मरने से पहले बहन और बच्चों को ऐसे बचाया !

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5 मिनट तक तड़पती रही साक्षी, खुद को लगा करंट; फिर भी मरने से पहले बहन और बच्चों को ऐसे बचाया !
साक्षी और उनके बच्चों के लिए इस बार चंडीगढ़ की यात्रा काफी रोमांचक और उत्साह जनक होने वाली थी, क्योंकि परिवार पहली बार वंदे भारत ट्रेन में सफर करने वाला था।
बच्चों की जिद थी कि वे वंदे भारत ट्रेन से चंडीगढ़ जाएंगे। ऐसे में परिवारवालों ने वंदे भारत ट्रेन को चुना था, लेकिन उसका टिकट प्रतीक्षा सूची में था, ऐसे में चंडीगढ़ जाने की तैयारी शनिवार दोपहर तक पूरी नहीं की थी। बाद में चार्ट बनने पर टिकट कन्फर्म हो गया। तो सभी ने यात्रा की तैयारी की।
पलभर में मातम में बदलीं खुशियां
 रविवार तड़के परिवार के सभी सदस्य यात्रा को लेकर खुश थे। लेकिन यह खुशियां एक पल में मातम में बदल गई। इस हादसे से साक्षी की बहन माधवी सदमे में है। अपनी बहन को बचाने के दौरान करंट का झटका लगने से वह भी घायल हो गई थीं।
 उसे इलाज के बाद छुट्टी मिल गई। स्वजन ने बताया कि साक्षी को पैर रखने पर करंट प्रवाहित होने का अहसास हुआ। उसने तुरंत अपनी पीछे चल रहे बच्चों और बहन को दूर होने का इशारा किया, लेकिन अपने को नहीं बचा पाई और दूसरा पैर भी पानी में चला गया।
बच्चों को नहीं हो रहा विश्वास- अब मां दुनिया में नहीं है
 मृतका के देवर कपिल आहूजा ने बताया कि भाभी की वजह से परिवार के अन्य लोग बच गए। अपनी मां को अपने सामने तड़प तड़पकर मरता हुआ देखने वाले दोनों बच्चों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं। वे बार-बार अपनी मां के बारे में पूछ रहे हैं। इस हादसे ने एक भरे-पूरे परिवार की खुशियां उजाड़ दिया।
 25 मिनट तक तड़पती रही साक्षी
 रेलवे अधिकारी भले ही अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ें लेकिन साक्षी ने मरते दम तक अपना फर्ज निभाया। साक्षी को बचाने के दौरान माधवी भी करंट का झटका लगने से मामूली चोटिल हो गईं। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
 उन्होंने बताया कि साक्षी ने जैसे ही डिवाइडर पार कर पानी में पैर रखा उन्हें करंट का अहसास हुआ। उन्होंने तुरंत इशारा कर उनको सचेत किया। इसके बाद ही माधवी ने बच्चों को पीछे धकेला। साक्षी अपना संतुलन नहीं बना सकीं और दोनों पैर पानी में पड़ते ही गिरीं और तड़प-तड़पकर उनकी मौत हो गई। वह घटनास्थल पर करीब 25 मिनट तड़पती रहीं।
 रेलवे की लापरवाही ने ली बिटिया की जान
 साक्षी के चाचा अजय ने बताया कि बिटिया को पढ़ाया लिखाया और जिम्मेदार नागरिक बनाया। आज रेलवे की लापरवाही से उसकी जान चली गई। यह रेलवे द्वारा की गई एक बेगुनाह की हत्या है। साक्षी के रिश्तेदार ललित नागपाल ने कहा कि राजधानी के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर नंगी तारें फैली हैं जिसमें करंट है। यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था। इस पर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।                        

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