AIN NEWS 1: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मामले में आरोपी ताहव्वुर हुसैन राणा की अमेरिका में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। राणा ने ‘रिट ऑफ सर्टिओरारी’ (writ of certiorari) दायर कर नौवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनके भारत प्रत्यर्पण के आदेश को सही ठहराया गया था।
क्या है रिट ऑफ सर्टिओरारी?
रिट ऑफ सर्टिओरारी एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत एक उच्च अदालत निचली अदालत के किसी फैसले की समीक्षा कर सकती है। राणा ने यह याचिका नवंबर 2024 में दायर की थी, जिसे 21 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया गया।
मामले का पूरा विवरण:
निचली अदालत का आदेश
ताहव्वुर हुसैन राणा, जो अमेरिकी नागरिक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने 26/11 के हमलों की साजिश रचने में मदद की। निचली अदालत ने अगस्त 2024 में राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
मुख्य तारीखें और घटनाएं
1. 13 नवंबर 2024: राणा ने ‘रिट ऑफ सर्टिओरारी’ के लिए याचिका दायर की।
2. 16 दिसंबर 2024: प्रतिवादी डब्ल्यू. जेड. जेनकिंस II ने याचिका का विरोध करते हुए दस्तावेज़ जमा किए।
3. 23 दिसंबर 2024: राणा की ओर से जवाब दाखिल किया गया।
4. 31 दिसंबर 2024: मामला 17 जनवरी 2025 की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
5. 21 जनवरी 2025: सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
भारत प्रत्यर्पण का महत्व
राणा के खिलाफ भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोप लगाए हैं कि उन्होंने डेविड हेडली की मदद की, जो 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। राणा को अगर भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो वह मामले के कई राज खोल सकते हैं। भारत सरकार लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। यह फैसला भारत के लिए 26/11 मामले में न्याय पाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
The US Supreme Court has denied Tahawwur Hussain Rana’s petition challenging his extradition to India in the 26/11 Mumbai terror attack case. This decision, following a writ of certiorari, marks a significant development as Rana is accused of aiding David Headley in planning the attacks. His extradition to India could bring critical revelations and strengthen the ongoing investigation.