संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में किए गए सर्वेक्षण के दौरान शनिवार को हिंसा भड़क उठी। इस घटना में पत्थरबाजी और आगजनी के चलते अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
शनिवार सुबह कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक टीम सर्वेक्षण के लिए जामा मस्जिद पहुँची। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध जताते हुए पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को आँसू गैस के गोले दागने पड़े।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने का प्रयास किया।
पुलिस की कार्रवाई और वायरल वीडियो
स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग और पत्थरबाजों पर जवाबी पत्थर फेंकने जैसे कदम उठाए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मियों के चारों तरफ बड़े-बड़े पत्थर बिखरे पड़े हैं।
वीडियो में एक पुलिसकर्मी उपद्रवियों को चुनौती देते हुए कहता है, “आजा, आजा, आजा,” और इसके बाद भीड़ को डराने के लिए हवा में फायरिंग की जाती है।
महिलाओं की गिरफ्तारी
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है, जो छत पर खड़े होकर पत्थरबाजी कर रही थीं।
ड्रोन और सीसीटीवी की मदद से पहचान
एसपी ने कहा कि उपद्रवियों की पहचान के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और एनएसए के तहत मामला दर्ज होगा।
जिला प्रशासन की रिपोर्ट
संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंशिया ने बताया कि सर्वेक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह पूरी प्रक्रिया वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के जरिए रिकॉर्ड की गई। सर्वेक्षण रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में प्रस्तुत की जाएगी।
हिंसा के बावजूद प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया।