1.दिल्ली में हर सवाल दिवाली के दौरान बढ़ता है प्रदूषण
2.प्रदूषण रोकने के लिए कंस्ट्रक्शन बैन किया जाता
3.इस साल कंस्ट्रक्शन बैन होने पर 5 लाख घर होंगे लेट
AIN NEWS 1:दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के आसपास बढ़ने वाले प्रदूषण का असर कम करने के लिए हर साल की तरह इस बार भी कंस्ट्रक्शन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस रोक के असर से रियल एस्टेट सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर होता है। अगर इस बार भी ये बैन अमल में आता है तो 5 लाख अंडरकंस्ट्रक्शन घरों पर असर पड़ सकता है। अकेले गुरुग्राम में 1 लाख फ्लैट्स का काम रुक जाएगा। कंस्ट्रक्शन प्रतिबंध की वजह से प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी में देरी होगी और इससे घरों की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
दिल्ली-NCR में बन रहे हैं 5.68 लाख फ्लैट्स
दिल्ली-NCR के अलग अलग इलाकों में इस समया बड़ी संख्या में फ्लैट्स का निर्माण चल रहा है। इनमें सबसे ज्यादा फ्लैट्स का कंस्ट्रक्शन ग्रेटर नोएडा वेस्ट, यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा एक्सप्रेसवे, सेंट्रल नोएडा, सेक्टर 150, न्यू गुड़गांव, द्वारका एक्सप्रेसवे, सोहना रोड, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन, ग्रेटर फरीदाबाद और गाजियाबाद में राज नगर एक्सटेंशन में किया जा रहा है। दिल्ली एनसीआर में बनाए जा रहे कुल 5.68 लाख फ्लैट्स में से 4 लाख फ्लैट्स इन इलाकों में बन रहे हैं
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1 महीने के बैन से 3 महीने लेट होता है पजेशन
वायु प्रदूषण की वजह से कंस्ट्रक्शन पर प्रतिबंध लगने से हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को गंभीर झटका लग सकता है। दिल्ली एनसीआर में रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के पूरा होने में 6 से 8 साल तक लग जाते हैं। ऐसे में सभी निर्माण गतिविधियों पर एक महीने का प्रतिबंध लगने से एक प्रोजेक्ट में कम से कम 3-4 महीने की देरी हो जाती है। रियल एस्टेट के जानकारों की मांग है कि प्रोजेक्ट साइट पर बाहर होने वाले काम को ही बंद करने का फैसला किया जाना चाहिए। इसमें प्लंबिंग, वायरिंग, खुदाई, प्लास्टर जैसे काम को रोका जा सकता है। कंस्ट्रक्शन से जुड़े उसी काम पर प्रतिबंध लगाया जाए जिससे वायु प्रदूषण होता है।
बारिश की वजह से अभी तक कंट्रोल में है प्रदूषण
इस बार वैसे जिस तरह से अक्टूबर में जमकर बारिश हुई है उससे दिल्ली-एनसीआर में अभी तक हवा की क्वालिटी बेहतर है। लेकिन मौसम साफ होने के बाद अगर एयर क्वालिटी खराब हुई तो फिर कंस्ट्रक्शन बैन लग सकता है। हवा की क्वालिटी को खराब करने में सबसे बड़ा रोल हर साल इस मौसम में जलाई जाने वाली पराली का होता है। ऐसे में प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के तहत हवा की क्वालिटी खराब होने पर निर्माण पर रोक लगा दी जाती है।