Ainnews1.com । हृदय रोग से पीड़ित 56 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पत्नी, बेटी या दामाद को अंतिम संस्कार करने से रोकने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उसने दावा किया कि उसके परिवार ने उसके साथ क्रूरता का व्यवहार किया और उसे अपनी बेटी की शादी में भी नहीं बुलाया गया। वह चाहता है कि उसका शरीर एक ऐसे व्यक्ति को सौंप दिया जाए जिसने उसकी देखभाल की और “बेटे की तरह” है।