Ainnews1.com: गाजियाबाद
संयुक्त अस्पताल में लाखों की दवाएं एक्सपायर हो जाने का मामला सामने आया है। ये मरीजों को नहीं दी गई। इनके एक्सपायर हो जाने की तारीख निकल जाने के बाद कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से इन्हें ले जाकर आइसोलेशन वार्ड की छत पर फेंक दिया है। सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि इन दवाओं को फेंका क्यों गया? स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं हो पाई, मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी।
पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में जब लोगों को दवाइयां बड़ी मुश्किल से मिल रहीं थी, तब भी इन्हें मरीजों को नहीं दिया गया। इनमें ज्यादातर दवाइयों के एक्सपायर होने की तारीख मई-2021 है। इनमें ज्यादातर दवाइयां भी वे हैं जो कोरोना संक्रमण के प्रचंड रूप से समय मरीजों को लिखी जा रही थीं। इनमें एजिथ्रोमाइसिन की गोलियां भी हैं। ये बाजार में 119 रुपये में पांच मिलती हैं। एमाक्सीक्लेव की गोलियां 229 में 10 आती हैं।
ये दवाइयां फेंकी गईं
छत पर फेंकी दवाइयों में एंटीबॉयोटिक में एजिथ्रोमाइसिन, एमाक्सीक्लेव, एमाक्सीलिन हैं। पेट दर्द की डाइसाइक्लोनेट, खून बंद करने की ईथामाइसिलेट, मधुमेह की ग्लिम्प्रीडीन, मलेरिया और बुखार की आरटुशिनेट, सांस फूलने पर नेमुलाइजर करने की दवाई डुआलीन, डिहाईड्रेशन होने पर चढ़ाई जाने वाली ग्लूकोज की बोतल आईवी-5 डिक्सट्रोज डी-5, आरएल, मल्टीविटामिन एनवीआई इंजेक्शन सहित अन्य दवाइयों के इंजेक्शन और गोलियां शामिल हैं।
दोषी पर होगी कार्रवाई
इस मामले में अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद चंद्र पांडेय का कहना है कि जानकारी करने पर पता चला है कि सभी दवाइयां अप्रैल से मई 2021 के बीच की एक्सपायर तिथि है। मामले की जांच की जा रही है कि दवाइयां छत पर कैसे पहुंच गई। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कमेटी की रिपोर्ट पर होती है निस्तारित
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार का कहना है कि किसी भी दवाई के एक्सपायर होने पर शासन को सूचित किया जाता है। इसके बाद अस्पताल द्वारा गठित कमेटी दवाइयों का निस्तारण शासन द्वारा नियुक्त वेस्टेज कंपनी निस्तारित करती है। स्थानीय स्तर पर इसकी सूचना कंपनी को दी जाती है। संजय नगर में छत पर दवाई फेंकने के बारे में उनका कहना था कि वह अवकाश पर हैं, किसी मामले की जानकारी नहीं है।