Ainnews1.com: भोपाल, 21 सितंबर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए है ।आठ अफ्रीकी चीता इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में भी छाए हुए हैं। दरअसल, इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर श्योपुर के कूनों नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। तो वहीं, इन आठ चीतों की सुरक्षा के लिए पार्क प्रबंधन ने भी खास इंतजाम किए हैं। पार्क प्रबंधन नामीबिया से आए इन आठ चीतों की सुरक्षा के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाए गए हाथियों को लगाया है।नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लक्ष्मी और सिद्धनाथ नाम के दो हाथियों को लाया गया है, जिन्हें विशेष सुरक्षा टीम के साथ-साथ मॉनिटरिंग के लिए भी लगाया गया है। आजतक की खबर के मुताबिक, इन दोनों हाथियों जिनके नाम है लक्ष्मी और सिद्धनाथ को पिछले माह पार्क में लाया गया था। लक्ष्मी और सिद्धनाथ इन चीतों की आमद से पहले उनके लिए बने विशेष बाड़े में घुसे बाघ और तेंदुओं को खदेड़ने में महत्वपूर्व भूमिका निभाई थी।लक्ष्मी और सिद्धनाथ नाम के दोनों हाथी पार्क में पहुंचते ही चीतों की मॉनिटरिंग के साथ ही सुरक्षा दलों के साथ दिन रात पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं।
दरअसल, नामीबिया से कूनो पहुंचे इन आठ चीतों को एक माह तक क्वारंटाइन यानी विशेष बाड़े में ही काटने है। इस के दौरान उनकी सेहत पर नजर भी रखी जाएगी। इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। हालांकि, इन 30 दिनों तक बाड़ों में मौजूद चीतों के आसपास कोई अन्य वन्यप्राणी या जन्तु न आए, इसके लिए सिद्धनाथ और लक्ष्मी लगातार वन अमले के साथ गश्त भी कर रहे हैं।कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया गया है कि चीतों की सुरक्षा में लगे 30 साल के सिद्धनाथ की पहचान पूरे प्रदेश में बाघों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए होती है। लेकिन, यह हाथी सिद्धनाथ बेहद गुस्सैल स्वभाव का है और साल 2010 में दो महावतों को भी मार चुका है। हालांकि, उसने जनवरी 2021 में एक आदमखोर बाघ को काबू करने में अहम भूमिका भी निभाई थी।कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने यह बताया है कि 25 वर्षीय हथिनी लक्ष्मी बेहद शांत स्वभाव की है, लेकिन अपने काम में माहिर है। जंगल सफारी, रेस्क्यू ऑपरेशन या जंगल की गश्त के काम में लक्ष्मी को महारथ हासिल है।