तो नेहरु की गलती से बना था पाक अधिकृत कश्मीर! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साधा कांग्रेस पर निशाना

आज ही के दिन 1947 में भारतीय वायु सेना श्रीनगर पहुंची थी जिसकी याद में 'शौर्य दिवस' मनाया जाता है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि...

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AIN NEWS 1: आज ही के दिन 1947 में भारतीय वायु सेना श्रीनगर पहुंची थी जिसकी याद में ‘शौर्य दिवस’ मनाया जाता है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को उसके कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर किए जा रहे अत्याचार के अंजाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विकास का लक्ष्य गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंचने के बाद ही हासिल किया जाएगा। भाजपा ने पीओके का जिक्र करके फिर से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि निजी महत्वाकांक्षा को प्राथमिकता देते हुए नेहरू जी ने राष्ट्रहित को दरकिनार कर दिया था। हर कोई जानता है की दोस्ती शेख अब्दुल्ला के साथ थी और नेहरु जी ने ऐसी दोस्ती निभाई कि आजाद भारत में पाकिस्तान ने दुस्साहस किया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जो भारत का अभिन्न हिस्सा है उस पर पाकिस्तान का गैरकानूनी तरीके से कब्जा है। अगर वक्त रहते यह फैसला नेहरु जी लेते तो पीओके का मसला ही नहीं होता। भाटिया ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने ऐसी गलतियां कीं जिनकी कीमत हमारे देश और कश्मीरियों को चुकानी पड़ रही है।

नेहरु का कश्मीर मसले को UN ले जाना बड़ी गलती

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि नेहरू की भूल का कुंठित प्रयास कांग्रेस पार्टी ने किया है। सच को दबाकर झूठ फैलाया है। कश्मीर के राजा हरि सिंह ने जुलाई में विलय के लिए लिखा था लेकिन नेहरू ने भारत के हित का ख्याल नहीं रखा। भाटिया ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। लेकिन यह बहुत बड़ी गलती थी कि नेहरू देश के अंदरूनी मामले को संयुक्त राष्ट्र में लेकर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि देश प्रशन उटा रहा है कि अगर समय पर सरदार पटेल के नक्शेकदम पर चलते हुए कार्रवाई की गई होती तो शायद जिहादी आतंकवाद का सामना देश को नहीं करना पड़ता।

तो नहीं होता कश्मीरी पंडितों का पलायन

गौरव भाटिया ने कहा कि नेहरू अगर सही फैसला लेते तो कश्मीरी पंडितों को भी घाटी से पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। आज ये सवाल पूछा जाएगा कि ऐसा क्यों हुआ कि नेहरू जी ने अपनी दोस्ती निभाई और जम्मू-कश्मीर को तरजीह नहीं दी। उधर, कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां से कई कश्मीरी पंडित परिवारों के कथित पलायन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र को ‘श्वेत पत्र’ लाकर यह बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों की तकलीफ दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। पार्टी के मीडिया और प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने ये दावा भी किया कि इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर तक कश्मीरी पंडितों की ‘टारगेट किलिंग’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं।

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