AIN NEWS 1: गाजियाबाद के संजय नगर स्थित फ्री होल्ड गार्डन एनक्लेव में इस बार गणपति महोत्सव पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाया गया। “गणपति बप्पा मोरया” की गूंज ने न केवल कॉलोनीवासियों को बल्कि आसपास के क्षेत्र को भी भक्तिमय बना दिया। इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन, हवन, विशाल भंडारा और शोभायात्रा का आनंद लिया।

गणपति महोत्सव का महत्व
गणेश चतुर्थी भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। माना जाता है कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता और बुद्धि, ज्ञान एवं समृद्धि के देवता हैं। महाराष्ट्र से शुरू हुआ यह त्योहार अब देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा है। गाजियाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इस पर्व की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
भक्ति से सराबोर माहौल
आयोजन की शुरुआत विधिवत पूजा और गणपति आराधना से हुई। पंडित राकेश शर्मा ने मंत्रोच्चार कर गणपति बप्पा की प्रतिमा का अभिषेक किया। इसके बाद पूरे उत्साह के साथ भजन-कीर्तन शुरू हुआ। जैसे ही “गणपति बप्पा मोरया” और “सुखकर्ता दुखहर्ता” जैसे भजनों की धुन बजी, श्रद्धालु झूम उठे।
एक स्थानीय श्रद्धालु, नीरज शर्मा, ने कहा –
“गणपति महोत्सव हमारे जीवन में खुशियां और एकता लेकर आता है। जब पूरा परिवार और कॉलोनी एक साथ पूजा और भजन-कीर्तन करता है तो वह पल अविस्मरणीय हो जाता है।”
हवन और विशाल भंडारा
महोत्सव के दूसरे दिन हवन का आयोजन किया गया। भक्तों ने परिवार सहित आहुति दी और वातावरण मंत्रोच्चार से गूंज उठा। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
सुबोध कुमार मित्तल, आयोजन समिति के सदस्य, ने बताया –“भंडारे का उद्देश्य सिर्फ प्रसाद बांटना नहीं था, बल्कि सभी को एक साथ बैठाकर भाईचारे का अनुभव कराना भी था। यही हमारे धर्म और संस्कृति की असली पहचान है।”
शोभायात्रा और विसर्जन
महोत्सव का समापन भगवान गणेश की शोभायात्रा और विसर्जन से हुआ। गाजे-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ निकली शोभायात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे।
शोभायात्रा संजय नगर से होते हुए मुरादनगर की गंग नहर (जिसे छोटा हरिद्वार भी कहा जाता है) पहुंची। वहां गणपति बप्पा का विधिवत विसर्जन किया गया। विसर्जन के समय श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं, लेकिन उनके दिलों में अगले वर्ष बप्पा को फिर से बुलाने का उत्साह झलक रहा था।
सत्य सनातन युवा वाहिनी, मेरठ प्रांत के उपाध्यक्ष पंकज शर्मा, ने कहा –
“गणपति महोत्सव हमें धर्म, आस्था और एकता का संदेश देता है। हर साल हम इसे और बड़े स्तर पर मनाने की कोशिश करते हैं ताकि समाज में भक्ति और भाईचारे का माहौल बना रहे।”
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में कॉलोनीवासी और गणमान्य लोग मौजूद रहे। इनमें पंडित राकेश शर्मा, वीरेंद्र चौधरी, रमेश सिंह, सुबोध कुमार मित्तल, कृष्णपाल, किशन चौधरी, पत्रकार पंकज शर्मा, राकेश कौशिक, दिनेश शर्मा, बलवीर सिंह, सत्यम, महाराज सिंह, बृजेश, आकाश, शीतल शर्मा, नीरज शर्मा, अमरजीत सिंह, बृजभूषण शर्मा, एसके रस्तोगी, समर राणा, योगेश सिंह, निशांत शर्मा, गौरव शर्मा, लक्ष्मी नारायण, सुनील त्यागी, मनोज सिंह, गजेंद्र त्यागी, उपेंद्र शर्मा, राजन सहित अन्य लोग शामिल हुए।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
गणपति महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपरा का भी प्रतीक है। कॉलोनीवासियों ने सामूहिक प्रयास से इस उत्सव को सफल बनाया। आयोजन के दौरान हर कोई सहयोग करता नजर आया – किसी ने सजावट संभाली, किसी ने भंडारे की व्यवस्था की, तो किसी ने शोभायात्रा में ढोल-नगाड़ों की जिम्मेदारी उठाई।
गौरव शर्मा, एक युवा श्रद्धालु ने कहा –
“हमारी पीढ़ी इस उत्सव को सिर्फ धर्म से नहीं जोड़ती, बल्कि इसे सामाजिक जुड़ाव का भी अवसर मानती है। जब हम मिलकर यह आयोजन करते हैं, तो अपने बच्चों को भी परंपरा और संस्कृति की सीख देते हैं।”
गणपति महोत्सव और आधुनिक समाज
आज की व्यस्त जीवनशैली में ऐसे धार्मिक और सामाजिक आयोजन लोगों को न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि आपसी मेलजोल और सहयोग की भावना को भी मजबूत करते हैं। गाजियाबाद का यह आयोजन इसका बेहतरीन उदाहरण रहा।
The Ganpati Mahotsav 2025 in Ghaziabad’s Sanjay Nagar was a vibrant celebration of devotion and community spirit. With Ganpati bhajans, havan, kirtan, a grand bhandara, and the Ganpati visarjan at Muradnagar canal (Chhota Haridwar), devotees expressed their faith with joy. Community leaders, families, and children joined the Ganesh Chaturthi celebration, spreading the message of unity, devotion, and cultural tradition.


















