युवक की आंख फोड़कर तोड़ दिए हाथ-पैर, 70 हजार में दिल्ली के भिखारी गैंग को बेचा गया, बंधक बनाकर किया गया टॉर्चर

यूपी के कानपुर में एक हैरतंगेज घटना से सनसनी फैल गई है। कानपुर में सक्रिय भिखारी गैंग के सदस्य देश की राजधानी दिल्ली समेत अनेक राज्यों में फैले हैं। यहां जिस मामले की बात चल रही है उसमें कानपुर के एक युवक को नौकरी का झांसा देकर बंधक बना लिया गया।

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दिल्ली के भिखारी गैंग को 70 हजार में बेचा युवक

नौकरी दिलाने के बहाने फंसाया गया युवक

हर दिन नशीला इंजेक्शन लगाया गया

AIN NEWS 1: यूपी के कानपुर में एक हैरतंगेज घटना से सनसनी फैल गई है। कानपुर में सक्रिय भिखारी गैंग के सदस्य देश की राजधानी दिल्ली समेत अनेक राज्यों में फैले हैं। यहां जिस मामले की बात चल रही है उसमें कानपुर के एक युवक को नौकरी का झांसा देकर बंधक बना लिया गया। इसके बाद उसे अलग अलग तरह से टॉर्चर किया गया। उसके हाथ पैर के पंजों को तोड़ दिया गया और आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया गया। यहां तक की शरीर को गर्म रॉड से भी दागा गया। इतनी बुरी हालत करने के बाद युवक को दिल्ली के भिखारी गैंग को 70 हजार रुपए में बेच दिया गया। शुक्रवार रात एक व्यक्ति की मदद से पीड़ित घर पहुंचा तो ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

 

नौकरी दिलाने के बहाने दरिंदगी

नौबस्ता थाना इलाके में स्थित यशोदा नगर कच्ची बस्ती नाला रोड निवासी सुरेश मांझी मजदूरी करता था। सुरेश मांझी को 6 महीने पहले विजय नाम का एक व्यक्ति नौकरी दिलाने के बहाने ले गया था। इसके बाद सुरेश को उसने नौबस्ता मछरिया गुलाबी बिल्डिंग में घर पर बंधक बना लिया। विजय ने 12 दिनों तक कैद में रखने के दौरान सुरेश के हाथ-पैरों के पंजे तोड़ दिए और आंख में केमिकल डाल कर अंधा कर दिया। शरीर को जगह-जगह से जलाया गया। विजय ने इसके बाद सुरेश को अपने घर से हटा कर झकरकटी पुल के नीचे किसी रहने वाले डेरे में बंधक बनाकर रखा।

दिल्ली के भिखारी गिरोह को 70 हजार में बेचा

विजय ने सुरेश को टॉर्चर करके उसका हुलिया भिखारी जैसा बना दिया। इसके बाद उसने दिल्ली की एक महिला को सुरेश 70 हजार में बेच दिया। दिल्ली में सुरेश को रोजाना नशीला इंजेक्शन लगाया जाता था और सुबह 4 बजे जगा दिया जाता था और रोजाना अलग-अलग जगहों पर भीख मंगवाई जाती थी। भिखारी गैंग के मेंबर दूर से नजर रखते थे। पूरे दिन में केवल एक रोटी खाने के लिए दी जाती थी। इस तरह सुरेश को कई महीनों तक यातनाए दी गईं।

बीमार होने पर दिल्ली से छोड़ गए कानपुर

सुरेश ने बताया कि नशीले इंजेक्शन और यातनाओं की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। जिसकी वजह से भिखारी गैंग का एक मेंबर उसे कानपुर छोड़ गया। भिखारी गैंग ने विजय से सुरेश की जगह दूसरा लड़का भेजने की डिमांड भी की। इस बीच विजय सुरेश को दूसरे गैंग को बेचने की तैयारी में जुट गया। इस दौरान विजय, सुरेश से घंटाघर, जरीब चौकी, टाटमिल समेत शहर के प्रमुख चौराहों में भीख मंगवाता रहा।

सुरेश घर कैसे पहुंचा?

सुरेश पहले मकानों में मजदूरी करता था। गुरुवार को किदवई नगर चौराहे पर लेबर मंडी के पास भीख मांग रहा था। जहां पर साथ में काम करने वाले एक मजदूर साथी ने उसे पहचान लिया जिसकी मदद से वो घर पहुंच गया। सुरेश का कहना था कि उसे भरोसा नहीं था कि अब वो कभी अपने घर पहुंच पाएगा। सुरेश के घर पहुंचते ही पूरे परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई। इसके बाद स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला ने थाने में जमकर हंगामा किया। पीड़ित परिवार की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

पुलिस जांच में जुटी

एसीपी विकास पांडेय के अनुसार पीड़ित परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। अगर मानवतस्करी का मामला सामने आया तो उस आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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