AIN NEWS 1 | मध्य पूर्व की राजनीति में एक बार फिर बड़ा भूचाल आ गया है। इज़रायल ने कतर की राजधानी दोहा (Doha) पर हवाई हमला किया, जिसमें हमास (Hamas) के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया गया। यह वही नेता बताए जा रहे हैं जो लंबे समय से कतर में शरण लेकर गुप्त गतिविधियां चला रहे थे।
हमले के बाद दोहा में अफरा-तफरी का माहौल फैल गया। इमारतें मलबे में बदल गईं, चारों ओर धुआं और चीख-पुकार गूंजने लगी। स्थानीय निवासियों ने इस हमले को “अब तक का सबसे डरावना हमला” बताया।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है। दशकों से गाज़ा पट्टी (Gaza Strip) इस झगड़े का केंद्र रही है, जहां रॉकेट हमले, जवाबी कार्रवाई और हिंसा का सिलसिला जारी है।
इज़रायल का आरोप है कि हमास केवल गाज़ा तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके कई नेता दूसरे देशों में भी शरण लेकर आतंकवादी गतिविधियां चलाते हैं। हाल ही में इज़रायली खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली कि कुछ बड़े हमास नेता कतर की राजधानी दोहा में मौजूद हैं। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर इज़रायल ने यह एयरस्ट्राइक की।
दोहा पर हमला और तबाही का मंजर
रात के समय जब लोग सामान्य दिनचर्या में थे, तभी अचानक जोरदार धमाकों की आवाज़ गूंजी। चश्मदीद गवाहों के अनुसार, इज़रायली फाइटर जेट्स ने मिसाइलें दागीं, जिससे एक बहुमंजिला इमारत चंद सेकंड में ढह गई।
पूरे इलाके में धुआं फैल गया और राजधानी के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हजारों लोग अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भागने लगे। दुकानों और बाजारों में सन्नाटा छा गया।
हमास नेताओं पर सीधा निशाना
इज़रायल की सेना ने दावा किया कि जिस इमारत को निशाना बनाया गया, उसमें हमास के कई शीर्ष नेता मौजूद थे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे मारे गए या बच निकले।
इज़रायल का कहना है कि यह हमला केवल “आतंकी ठिकानों” पर किया गया, जबकि कतर ने आरोप लगाया कि इसमें आम नागरिकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।
कतर की सख्त प्रतिक्रिया
कतर सरकार ने इस कार्रवाई को “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताया और इसे अपनी संप्रभुता पर हमला करार दिया।
कतर के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा:
“इज़रायल का यह कदम न केवल कतर की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र की शांति प्रयासों को भी कमजोर करता है।”
कतर ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत दखल देने की मांग की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है।
अमेरिका ने कहा कि वह हालात पर नजर रख रहा है, लेकिन इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार को भी मान्यता दी।
यूरोपीय संघ (EU) ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हमले की निंदा की और चेतावनी दी कि यह घटना पूरे क्षेत्र को और गहरे संकट में धकेल सकती है।
ईरान और तुर्की ने कतर के समर्थन में बयान जारी कर इज़रायल पर “आतंकवादी रवैया” अपनाने का आरोप लगाया।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह हमला केवल हमास को कमजोर करने का प्रयास नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे भू-राजनीतिक संदेश भी छिपे हैं:
भू-राजनीतिक दबदबा – इज़रायल यह दिखाना चाहता है कि अपनी सुरक्षा के लिए वह किसी भी देश की सीमाओं का सम्मान किए बिना कार्रवाई कर सकता है।
हमास पर दबाव – गाज़ा में जारी संघर्ष के बीच हमास की ताकत कम करना इस हमले का एक उद्देश्य है।
अन्य देशों को चेतावनी – यह संदेश उन देशों के लिए है जो हमास या अन्य आतंकी संगठनों को पनाह देते हैं।
आम नागरिकों की स्थिति
हमले के बाद दोहा के नागरिकों में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने बच्चों और बुजुर्गों को लेकर सुरक्षित जगहों पर चले गए।
लोगों का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका शहर इस तरह के हमले का शिकार होगा। अब तक दोहा को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण जगह माना जाता था, लेकिन यह हमला उस छवि को तोड़ गया।
भविष्य की संभावनाएं
इस हमले के बाद आने वाले दिनों में खाड़ी देशों और इज़रायल के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
यदि कतर कड़ा रुख अपनाता है, तो पूरा क्षेत्र संकट में घिर सकता है।
अमेरिका और यूरोप को बीच-बचाव करना पड़ सकता है।
तेल और गैस बाजार पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि कतर दुनिया का प्रमुख प्राकृतिक गैस निर्यातक है।
दोहा पर इज़रायल का हवाई हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि पूरे मध्य पूर्व की राजनीति को हिला देने वाला कदम है। यह आने वाले समय में न केवल इज़रायल और कतर बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।