AIN NEWS 1 | ब्रिटेन की राजधानी लंदन ने 13 सितंबर 2025 को अपने इतिहास के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक देखा। यह विरोध मार्च किसी आम राजनीतिक दल या ट्रेड यूनियन का नहीं था, बल्कि इसे नेतृत्व मिला एक ऐसे शख्स से, जिनकी पहचान विवादों और समर्थकों की जबरदस्त भीड़ – दोनों से जुड़ी है। उनका नाम है टॉमी रॉबिन्सन, जिनके इशारे पर लगभग 1 लाख से अधिक लोग सड़कों पर सरकार के खिलाफ उतर आए।
कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?
टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। उनकी उम्र 41 साल है और वे लंबे समय से ब्रिटेन की राजनीति और समाज में एक विवादित लेकिन चर्चित चेहरा बने हुए हैं।
उन्होंने 2009 में इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) की नींव रखी थी। यह संगठन तेजी से चर्चाओं में आया, लेकिन अक्सर हिंसक झड़पों और फुटबॉल हूलिगनिज्म से जोड़ा गया। हालांकि 2013 में रॉबिन्सन ने इसका नेतृत्व छोड़ दिया, मगर उनकी पहचान एक्टिव कार्यकर्ता, ऑनलाइन प्रचारक और “फ्री स्पीच एक्टिविस्ट” के रूप में और मजबूत होती चली गई।
आपराधिक पृष्ठभूमि और विवाद
टॉमी रॉबिन्सन का नाम सिर्फ राजनीति या एक्टिविज़्म तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा है।
उन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें –
हमला (Assault)
बंधक बनाने (Kidnapping)
धोखाधड़ी (Fraud)
अदालत की अवमानना (Contempt of Court)
2018 में उन्हें उस वक्त जेल जाना पड़ा जब उन्होंने एक ट्रायल के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग की थी। इसके अलावा, 2024 में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर उन्हें 18 महीने की सजा सुनाई गई।
2021 में उन्होंने खुद को दिवालिया (Bankrupt) घोषित कर दिया और यह भी कबूल किया कि डोनेशन में मिली राशि का कुछ हिस्सा उन्होंने जुए में गंवा दिया था। इसके बावजूद, उनकी लोकप्रियता और जनाधार लगातार बढ़ता गया।
लंदन की सड़कों पर ऐतिहासिक विरोध मार्च
शनिवार को हुए इस मार्च में यूनियन जैक, सेंट एंड जॉर्ज क्रॉस के साथ-साथ अमेरिकी और इजरायली झंडे भी लहराए गए। भीड़ ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ जोरदार नारे लगाए।
“स्टार्मर गो होम” जैसी तख्तियां लोगों के हाथों में नजर आईं।
रॉबिन्सन ने इसे सिर्फ सरकार विरोधी आंदोलन नहीं, बल्कि “फ्री स्पीच और नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई” बताया। उनका कहना था कि यह मार्च इस बात का सबूत है कि जनता अब और चुप नहीं बैठ सकती।
क्यों लोकप्रिय हैं टॉमी रॉबिन्सन?
रॉबिन्सन खुद को एक पत्रकार और जनता की आवाज के रूप में पेश करते हैं। उनका दावा है कि वे सरकार की गलतियों को उजागर करने का काम करते हैं।
हालांकि आलोचकों के मुताबिक, वे समाज में ध्रुवीकरण और कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं। बावजूद इसके, यह सच है कि ब्रिटेन में उनकी लोकप्रियता का स्तर किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है।
लंदन का यह मार्च एक संकेत है कि सरकार के खिलाफ असंतोष अब सिर्फ छोटे समूहों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक बड़े जनांदोलन का रूप ले चुका है।
टॉमी रॉबिन्सन की छवि: विरोध और समर्थन दोनों
समर्थकों की नजर में: वे “फ्री स्पीच के नायक” और “जनता की आवाज” हैं।
आलोचकों की नजर में: वे अपराधी पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति हैं जो समाज में उथल-पुथल पैदा करते हैं।
सच यही है कि टॉमी रॉबिन्सन की छवि दो ध्रुवों में बंटी हुई है। लेकिन उनका असर इतना बड़ा है कि उनके आह्वान पर लाखों लोग सड़कों पर उतर आते हैं।
ब्रिटेन के लिए संदेश
लंदन का यह विशाल मार्च सिर्फ टॉमी रॉबिन्सन की ताकत नहीं दिखाता, बल्कि यह भी बताता है कि ब्रिटेन की जनता अपनी सरकार से असंतुष्ट है।
यह आंदोलन भविष्य में ब्रिटिश राजनीति के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।