डॉग्स की मैरिज में ढोल बजे, डांस हुआ
हल्दी की रस्म निभाई गई, फेरे भी हुए
बाकायद 100 कार्ड बांटकर मेहमान बुलाए गए
AIN NEWS 1: इनकी शादी के कार्ड छापे गए, बारातियों को नाम लिखकर न्यौता भेजा गया। खाने का मेन्यू भी बेहद खास रखा गया जिसमें ‘दूल्हे’ और ‘दुल्हन’ की पसंद का ध्यान रखा गया। अगर आप सोच रहे हैं कि इसमें क्या अलग है, ये तो हर शादी में होता है। तो जान लीजिए ये एक आम शाादी नहीं है। हरियाणा के गुरुग्राम में देसी रीति-रिवाज से शेरू (मेल डॉग) और स्वीटी (फीमेल डॉगी) का विवाह संपन्न हुआ। ये शादी भले ही डॉग्स की थी लेकिन इसमें रीति रिवाज सारे पारंपरिक भारतीय शादियों जैसे निभाए गए। यहां तक की संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया। 3 दिन तक शादी से जुड़े आयोजन चलते रहे और शेरू-स्वीटी ने अपनी स्टाइल में आवाज निकालकर कसमें-वादे निभाने की रस्मों को पूरा किया। इसके बाद बारातियों ने दोनों को आशीर्वाद दिया।
मिंटू नाम की युवती नाम बदलकर अब शाहीन हो गई। फिर युवती ने अफसार के साथ ग्राम पिलाना में निकाह भी कर लिया। https://t.co/ks8524ftye
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) November 14, 2022
जोड़े में देख इमोशनल हो गए परिजन
पालम विहार एक्सटेंशन में हुई इन दो कुत्तों की शादी बहुत चर्चा में है। जब दिल्ली-NCR में कुत्तों को लेकर रिहायशी सोसाइटियों में एक अलग तरह का गुस्सा, नफरता और शिकायतों की भरमार देखी जा रही है, गुरुग्राम की एक कॉलोनी के दो परिवारों ने अपने डॉग्स की शादी का अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया। खास बात है कि इन कुत्तों को वो कुछ साल पहले सड़क से उठाकर घर ले आए थे। उन्होंने कुत्तों को अपने बच्चों की तरह पाला और फिर अब उनकी शादी करा दी है। दोनों परिवार इस मौके पर भावुक भी हो गए थे।
डॉगी की शादी का कार्ड भेजा गया
दोनों परिवारों ने पूरा प्रयास किया कि जैसे भारतीय रीति-रिवाज में होता है, वो सब शेरू और स्वीटी की शादी में भी किया जाए। यहां तक कि ‘फेरे’ भी लिए गए। कुत्तों के मालिकों ने बताया कि उन्होंने इस अनोखी शादी के लिए 100 कार्ड बांटकर बारातियों को न्यौता भेजा था।
पसंद नहीं आई कुत्तों की शादी
स्वीटी को अपनी बच्ची की तरह पालने वाले चाय विक्रेता राजा शादी के वक्त इमोशनल हो गए। उन्होंने जब कुत्तों की शादी का कार्ड भेजा तो कुछ लोगों को पसंद नहीं आया लेकिन उन्होंने आयोजन में कोई बदलाव नहीं किया।
बच्चे की तरह पाले गए हैं डॉग्स
फीमेल डॉग स्वीटी की गार्जियन सविता उर्फ रानी ने कहा, ‘मैं पशु प्रेमी हूं और उनकी देखभाल करती हूं। मेरे बच्चे नहीं हैं तो हमने स्वीटी को ही बच्चे की तरह पाला है। मेरे पति मंदिर जाते हैं और पशुओं को खिलाते हैं। तीन साल पहले एक दिन डॉगी पीछा करते हुए घर आ गया। हमने उसका नाम स्वीटी रखा।’ उन्होंने कहा कि हर कोई कहता कि हमें स्वीटी की शादी करानी चाहिए। हमने इस बारे में काफी सोचा और चार दिन में प्लान बना लिया। हमने हरेक परंपरा को निभाने का फैसला किया। रानी कहती हैं कि जब काफी समय तक बच्चे नहीं हुए तो मायूसी और अकेलापन बोझ बनने लगा था। कुछ हद तक तो स्वीटी के आ जाने से वो कमी पूरी हुई है। उसके आने के बाद हमने उसे अपनी बिटिया की तरह पाला है। वो कहती हैं कि सोते समय स्वीटी उन्हें पकड़कर सोती है।
दिलचस्प है शेरू की कहानी
शेरु के गार्जियन के घर से थोड़ी ही दूरी पर शेरू रहता था। कमलेश और दीपक 8 साल पहले उसे सड़क से उठाकर अपने घर लेकर आए थे। कमलेश ने कहा, ‘हमने उसे बच्चे की तरह पाला है। हमने कभी उससे जानवर की तरह व्यवहार नहीं किया। हम मजाक भी करते थे कि एक दिन उसकी शादी कर देंगे। मैंने सोचा नहीं था कि ये वाकई सच हो जाएगा।’ दोनों पड़ोसी अच्छे दोस्त थे और उन्होंने अपने डॉग की शादी कराने का फैसला किया।