AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सादगी, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा जितनी प्रेरणादायक रही है, उतनी ही उनके निजी जीवन की कहानियां भी लोगों को प्रभावित करती हैं। आज जब वे अपना 75वां जन्मदिन (17 सितंबर) मना रहे हैं, तब उनके जीवन का एक ऐसा किस्सा सामने आता है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। यह कहानी उस दौर की है जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में काम कर रहे थे।
इस घटना में मोदी ने बिना किसी हिचक के जनरल डिब्बे में बैठकर सूरत से अहमदाबाद तक का 230 किलोमीटर का सफर तय किया था। आइए जानते हैं इस दिलचस्प किस्से की पूरी कहानी।
अचानक अहमदाबाद जाना पड़ा जरूरी
यह घटना तब की है जब नरेंद्र मोदी भाजपा संगठन के महत्वपूर्ण पद पर थे। वे सूरत में एक पार्टी कार्यकर्ता की शादी में शामिल हुए थे। शादी से लौटने के तुरंत बाद उन्हें पता चला कि अहमदाबाद में एक अहम बैठक होने वाली है। यह बैठक पहले से तय नहीं थी, लेकिन इसमें उनका शामिल होना बेहद जरूरी था।
समस्या यह थी कि उसी रात अहमदाबाद पहुंचना अनिवार्य था, जबकि उनके पास ट्रेन का आरक्षित टिकट नहीं था। ऐसे हालात में अक्सर लोग बैठक टालने या किसी वैकल्पिक साधन का इंतज़ाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन मोदी ने अलग रास्ता चुना।
सीआर पाटिल ने सुनाया किस्सा
भाजपा गुजरात के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने इस पूरे वाकये को साझा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि उस समय जब आरक्षित टिकट उपलब्ध नहीं हुआ, तो मोदी ने खुद सुझाव दिया कि उनके लिए जनरल टिकट लिया जाए।
उन्होंने लिखा –
“हमने कच्छ एक्सप्रेस में आरक्षण कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई सीट खाली नहीं थी। तब मोदी जी ने बिना किसी झिझक के कहा कि सामान्य टिकट ले लो, मैं जनरल डिब्बे में बैठकर यात्रा कर लूंगा।”
यही हुआ। मोदी उसी रात सामान्य डिब्बे में बैठे और समय पर अहमदाबाद पहुंच गए।
साधारण जीवनशैली की झलक
यह घटना मोदी की सादगी और व्यवहारिकता को दर्शाती है। एक राष्ट्रीय स्तर के नेता होने के बावजूद उन्होंने सुविधा के बजाय कर्तव्य को प्राथमिकता दी। उनके इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि वे हमेशा अनुशासन, समय की पाबंदी और समर्पण को सर्वोपरि मानते हैं।
आज जब वे देश के प्रधानमंत्री हैं, तब भी उनके जीवन की ऐसी कहानियां उनके व्यक्तित्व की गहराई को उजागर करती हैं।
पीएम मोदी के राजनीतिक रिकॉर्ड
नरेंद्र मोदी ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।
वे लगातार तीन बार भारत के प्रधानमंत्री चुने गए।
प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सबसे लंबा चल रहा है।
प्रधानमंत्री बनने से पहले वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2001 से 2014 तक इस पद पर रहे।
उन्होंने गुजरात के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया।
अब तक मोदी कुल 7 बार शपथ ले चुके हैं – 4 बार मुख्यमंत्री और 3 बार प्रधानमंत्री के रूप में।
क्यों खास है यह घटना?
मोदी के जीवन से जुड़े कई किस्से उनके संघर्ष और सादगी की झलक दिखाते हैं। लेकिन यह घटना इसलिए खास है क्योंकि इसमें उन्होंने दिखाया कि बड़ा पद पाकर भी वे जमीन से जुड़े हुए हैं।
जनरल डिब्बे में बैठकर यात्रा करने का यह वाकया उनके जीवन के उन पलों में से है जो उन्हें एक साधारण इंसान से असाधारण नेता बनाते हैं। यही कारण है कि आज भी लोग उन्हें केवल प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत मानते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह किस्सा हमें यह सिखाता है कि जिम्मेदारी निभाने के लिए सुविधा नहीं, बल्कि संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी होती है। जीवन के ऐसे अनुभव ही उन्हें आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बनाते हैं।