AIN NEWS 1 | दिल्ली के वसंतकुंज में प्रसिद्ध आश्रम चलाने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर आरोप लगे हैं। आश्रम और शैक्षिक संस्थाओं से जुड़े इस मामले में आरोपी पर करीब 15 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। मामला सामने आने के बाद वसंतकुंज (नॉर्थ) पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, स्वामी चैतन्यानंद फरार चल रहे हैं।
आरोपी का परिचय और फरार होने की स्थिति
आरोपी का असली नाम चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी है। वह वसंतकुंज में चल रहे अपने आश्रम और संबंधित संस्थाओं के संचालन में सक्रिय था। जांच के दौरान उसके पास से एक वोल्वो कार बरामद हुई, जिस पर 39 UN 1 नंबर की फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। पुलिस ने गाड़ी जब्त कर ली है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आश्रम प्रशासन ने आरोपी को पद से हटा दिया है।
दिल्ली पुलिस की जानकारी के अनुसार आरोपी की आखिरी लोकेशन आगरा में पाई गई थी। फिलहाल यूपी पुलिस की मदद से उसकी तलाश जारी है।
EWS स्कॉलरशिप छात्राओं से उत्पीड़न
पुलिस के अनुसार, यह मामला 4 अगस्त को सामने आया, जब श्रीशृंगेरी मठ और इसकी संपत्तियों के प्रशासक पीए मुरली ने वसंतकुंज नॉर्थ पुलिस थाने में स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि उन्होंने शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में EWS स्कॉलरशिप से पढ़ाई कर रही PGDM छात्राओं से अनुचित संपर्क बनाए और यौन उत्पीड़न किया।
महिला फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर की भूमिका
जांच के दौरान कुल 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्वामी चैतन्यानंद ने उन्हें गाली-गलौज, अश्लील व्हाट्सएप संदेश, एसएमएस और अन्य गलत तरीके से संपर्क करने का प्रयास किया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महिला फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर ने उनके ऊपर दबाव डाला कि वे आरोपी की मांगें मान लें।
वोल्वो कार और जाली नंबर प्लेट
जांच के दौरान पुलिस ने शारदा इंस्टिट्यूट के बेसमेंट में एक वोल्वो कार पाई। जांच में पता चला कि यह कार जाली राजनयिक नंबर प्लेट 39 UN 1 के साथ थी और इसे कथित स्वामी चैतन्यानंद उर्फ डॉ. पार्थसारथी इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने आरोपी को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने कभी सहयोग नहीं किया। इसके बाद आरोपी फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
दिल्ली पुलिस आरोपी की तलाश में विभिन्न जगहों पर दबिश दे रही है। साथ ही, यूपी पुलिस की मदद से उसकी संभावित लोकेशन पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।
आश्रम और संबंधित संस्थाओं ने आरोपी को पद से हटा दिया है और सभी छात्रों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी जल्द ही गिरफ्तार हो जाएगा।
यह मामला न केवल अपराध का है बल्कि शिक्षा और धर्म से जुड़े प्रतिष्ठानों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाता है। दिल्ली और यूपी पुलिस आरोपी की तलाश कर रही हैं, और मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए हैं। पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज होने के बाद जांच आगे बढ़ रही है और उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा।