Varanasi’s Nidhi Tiwari Appointed as PM Modi’s Private Secretary
वाराणसी की निधि तिवारी बनीं पीएम मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी, जानें उनका सफर
AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक और महिला अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। वाराणसी की रहने वाली 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। उनकी इस नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी मिल गई है और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। यह नियुक्ति न केवल निधि तिवारी की उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि महिलाओं की सरकारी प्रशासन में बढ़ती भूमिका को भी दर्शाती है।
निधि तिवारी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
निधि तिवारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी से ही पूरी की। उच्च शिक्षा के दौरान उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने से पहले, वे वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर (कॉमर्शियल टैक्स) के रूप में कार्यरत थीं। इस दौरान वे नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी कर रही थीं। उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और 2013 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर भारतीय विदेश सेवा (IFS) जॉइन की।
भारतीय विदेश सेवा में योगदान
भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल होने के बाद निधि तिवारी को विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गईं। उन्होंने विदेश मंत्रालय में कई अहम पदों पर कार्य किया और विदेश नीति, परमाणु ऊर्जा और सुरक्षा मामलों में विशेष योगदान दिया। उनके अनुभव और काबिलियत को देखते हुए उन्हें नवंबर 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया।
पीएमओ में कार्यकाल और अजीत डोभाल के साथ काम
डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में निधि तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय के ‘विदेश और सुरक्षा’ वर्टिकल में कार्य किया। इस दौरान वे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करती थीं। उन्होंने विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। उनकी इस भूमिका ने उन्हें प्रशासनिक और कूटनीतिक मामलों में अधिक अनुभव प्रदान किया और उन्हें एक भरोसेमंद अधिकारी के रूप में स्थापित किया।
पीएम मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में नई जिम्मेदारी
अब निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। इस पद पर रहते हुए वे पीएम मोदी के कार्यक्रमों के समन्वय, बैठकों के आयोजन और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ संपर्क स्थापित करने का कार्य करेंगी। प्रधानमंत्री कार्यालय में उनकी नियुक्ति को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
महिला अधिकारियों की बढ़ती भागीदारी
PMO में महिला अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह नियुक्ति न केवल निधि तिवारी की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि महिलाएं अब प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों पर बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उनकी इस उपलब्धि से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी उच्च प्रशासनिक पदों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगी।
निधि तिवारी की सफलता का संदेश
निधि तिवारी की सफलता एक प्रेरणादायक कहानी है जो यह दर्शाती है कि मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनका सफर उन सभी युवाओं के लिए एक उदाहरण है जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और देश की सेवा करना चाहते हैं। उनकी इस उपलब्धि से यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय प्रशासनिक और कूटनीतिक सेवा में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है और वे उच्च पदों तक पहुंचकर देश के विकास में योगदान दे रही हैं।
निधि तिवारी की प्रधानमंत्री कार्यालय में प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में नियुक्ति न केवल उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत में महिलाओं की बढ़ती प्रशासनिक भागीदारी का भी प्रतीक है। उनकी सफलता से यह साबित होता है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी व्यक्ति उच्चतम प्रशासनिक पदों तक पहुंच सकता है। यह नियुक्ति महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
Nidhi Tiwari, a 2014 batch Indian Foreign Service (IFS) officer from Varanasi, has been appointed as Prime Minister Narendra Modi’s Private Secretary. Before this, she served as Deputy Secretary in the Prime Minister’s Office (PMO), reporting to NSA Ajit Doval. Her journey from an Assistant Commissioner in Varanasi to a key PMO official highlights her dedication and expertise in foreign policy, nuclear energy, and security affairs. This appointment also signifies the increasing role of women in high-level government positions, making it a significant step towards women empowerment in India.