AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की राजनीति और सोशल मीडिया इस समय एक बड़े विवाद से गरमाया हुआ है। नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें यौन उत्पीड़न, आत्महत्या की धमकी, राजनीतिक दखल और सोशल मीडिया युद्ध जैसे कई पहलू जुड़ गए हैं।
विवाद की शुरुआत
करीब तीन महीने पहले डॉ. रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि चंद्रशेखर ने उनका जीवन और सम्मान बर्बाद कर दिया है। साथ ही उन्होंने यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और निजी जीवन से जुड़े कई खुलासे किए। इसके बाद से यह विवाद लगातार गहराता चला गया।
सोशल मीडिया पर सीधी चुनौती
हाल ही में रोहिणी ने एक पोस्ट लिखकर चंद्रशेखर को खुली चुनौती दी। उन्होंने लिखा—
“मर्दों वाली लड़ाई लड़, गृहमंत्री के पीछे मत छिप कायर… और सुन, इतनी जल्दी नहीं मरूंगी, तुझे मार के मरूंगी।”
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। चंद्रशेखर के समर्थक और विरोधी दोनों ही खेमों में बहस तेज हो गई।
गंभीर आरोपों की बौछार
डॉ. रोहिणी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने चंद्रशेखर पर निजी आरोप लगाते हुए कहा कि वह स्विट्जरलैंड से शराब की बोतलें मंगवाते हैं। उन्होंने अमित शाह और बीजेपी को टैग करते हुए सवाल उठाया—
“क्यों बचा रहे हो इसको? ऐसा क्या दे रहा है कि आप सब चुप हैं? इसने मेरा जीवन और सम्मान सब बर्बाद कर दिया।”
उनका कहना है कि अब वह हर हाल में इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगी और पीछे नहीं हटेंगी।
सांसद प्रतिनिधि की शिकायत
इस बीच, चंद्रशेखर के प्रतिनिधि विवेक सेन ने बिजनौर के धामपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि सोशल मीडिया पर ग्रीन टी पीते हुए सांसद का वीडियो गलत तरीके से शराब पीते हुए बताकर डाला गया, जिससे उनकी छवि खराब हुई। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आत्महत्या की धमकी
विवाद उस समय और गंभीर हो गया जब रोहिणी ने X पर आत्महत्या की धमकी देते हुए लिखा—
“मेरा जीवन बर्बाद कर के खुशियां मना रहा है। आज ही तेरे नाम पर जहर खाऊंगी। तूने मुझे खत्म कर दिया।”
यह पोस्ट सामने आते ही पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। कई लोगों ने चिंता जताई और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
मीडिया से बातचीत
एक मीडिया चैनल से बातचीत में रोहिणी का दर्द साफ झलकता है। रोते हुए उन्होंने कहा—
“दिल्ली पुलिस कमिश्नर से लेकर एयरपोर्ट थाने तक मैंने सबको सबूत दिए, लेकिन चंद्रशेखर के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हो रही। भारत में पीड़िता को न्याय के लिए मरना पड़ता है। जब तक आत्महत्या का प्रयास न करो, कोई नहीं सुनता।”
उनकी यह बात समाज और सिस्टम दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
कानूनी लड़ाई
डॉ. रोहिणी का कहना है कि उन्होंने पहले ही राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। उनके अनुसार, यह सिर्फ व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि उनके सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है। वह कहती हैं—
“कानूनी लड़ाई शुरू हो चुकी है। सच सामने आकर रहेगा। मैं पीछे नहीं हटूंगी।”
रिश्ते की पृष्ठभूमि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. रोहिणी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाले एक सफाईकर्मी की बेटी हैं। उन्होंने 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड का रुख किया। यहीं उनकी मुलाकात चंद्रशेखर आजाद से हुई और दोनों करीब तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे।
लेकिन रिश्ते में दरार आने के बाद हालात बिगड़ गए और अब मामला गंभीर आरोपों और सोशल मीडिया वार तक पहुंच चुका है।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में डॉ. रोहिणी स्विट्जरलैंड में नौकरी कर रही हैं और साथ ही एक एनजीओ भी चला रही हैं। वहीं, चंद्रशेखर आजाद भारतीय राजनीति में अपनी पहचान मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक और सामाजिक असर
यह विवाद केवल दो लोगों के बीच का नहीं रहा। इसमें अब राजनीतिक पार्टियां, सोशल मीडिया यूजर्स, और महिला संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी जुड़ चुकी हैं।
एक वर्ग कह रहा है कि रोहिणी को न्याय मिलना चाहिए और उनके आरोपों की जांच होनी चाहिए।
वहीं, चंद्रशेखर के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।
यह मामला राजनीति, समाज और कानून की विफलताओं को भी उजागर करता है।
सवाल और चिंताएं
इस पूरे विवाद ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—
1. क्या एक महिला की आवाज़ सिर्फ तब सुनी जाएगी जब वह आत्महत्या की धमकी दे?
2. क्या राजनीति में प्रभावशाली लोग हमेशा बच निकलते हैं?
3. क्या महिला आयोग और पुलिस जैसी संस्थाएं निष्पक्ष होकर काम कर रही हैं?
चंद्रशेखर-रोहिणी विवाद सिर्फ एक व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है। यह भारतीय समाज और राजनीति में लैंगिक न्याय, महिला सुरक्षा और सत्ता के दुरुपयोग जैसे बड़े मुद्दों को सामने लाता है।
डॉ. रोहिणी का कहना है कि यह लड़ाई वह अंत तक लड़ेंगी। वहीं, चंद्रशेखर की टीम इसे एक षड्यंत्र बताकर खारिज कर रही है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में अदालत और जांच एजेंसियां क्या रुख अपनाती हैं और इस विवाद का अंत किस रूप में होता है।
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