अगले साल भारतीय शेयर बाजार की रफ्तार होगी धीमी!
गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट में किया गया दावा
चीन-कोरिया के शेयर बाज़ार लगाएंगे दौड़
AIN NEWS 1: महंगाई और मंदी के बावजूद लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे भारतीय शेयर बाजार की रफ्तार को अगले साल ब्रेक लग सकता है। ये दावा गोल्डमैन सैश ने किया है जिसके मुताबिक अगले साल निवेशकों का फोकस चीन और कोरिया जैसे देशों की तरफ बढ़ सकता है। जबकि अभी तक भारत और दक्षिण एशिया के इक्विटी मार्केट में निवेशक दिलचस्पी ले रहे हैं। दरअसल, उत्तर एशिया के शेयर बाजार में रिकवरी की वजह से चीन में धीरे-धीरे खुल रही इकॉनमी के साथ ही वहां के शेयर बाजार में शानदार तेजी दर्ज की जा सकती है। चिप इंडस्ट्री का संकट धीरे-धीरे दूर होने से भी चीन को फायदा मिलने का अनुमान है।
चीन में तेजी आने का अनुमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि
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— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) November 30, 2022
प्रॉपर्टी बाजार के संकट के चलते भी चीन का शेयर बाजार पिछले कुछ वक्त से मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में इस दौरान निवेशकों ने इंडोनेशिया और भारत जैसे बड़ी घरेलू खपत वाले देशों पर दांव लगाया और जमकर कमाई की है। लेकिन अब चीन में पॉजिटिव पॉलिसी मूव के चलते काफी चीजें बदल रही है और अगले साल निवेशक चीन, कोरिया और हांगकांग जैसे शेयर बाजारों का रुख कर सकते हैं। इसकी एक वजह बीते कुछ हफ्ते से साउथईस्ट एशिया के शेयर बाजारों के कमजोर प्रदर्शन को भी माना जा रहा है। ऐसे में निवेशक नॉर्थ एशिया की तरफ देखने लगे हैं।
इंडोनेशिया में जारी रहेगी तेजी
निवेशकों के रुख में बदलाव के बावजूद इंडोनेशिया को नुकसान होने की आशंका खारिज की गई है। इंडोनेशिया एक रक्षात्मक और घरेलू बाजार पर फोकस रखने वाला कमोडिटी एक्सपोर्टर है। शेयर बाजार में आई तेजी का फायदा उठाने के लिए इस देश पर अब भी दांव लगाने का सुझाव दिया जा रहा है। ऐसे में जब नॉर्थ एशिया से निवेशकों को बड़ी वैल्यू कमाने की उम्मीद लग रही है तो वो साउथ ईस्ट एशिया की जगह नॉर्थ एशिया को तरजीह दे सकते हैं। रिपोर्ट में जिन आंकड़ों के आधार पर ये दावे किए गए हैं उनके मुताबिक हांगकांग में महत्वपूर्ण शेयर इंडेक्स नवंबर में 20 फ़ीसदी बढ़े हैं। ये एशिया और दूसरे ग्लोबल शेयर बाजारों के मुकाबले शानदार प्रदर्शन है। चीनी ने कोरोनावायरस संक्रमण वाले इलाकों पर फोकस करना शुरू किया है और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नई नीति बनाकर उसे मदद देने की योजना बनाई है। इसके चलते भी निवेशकों को उम्मीद है कि वो चीन के रियल एस्टेट मार्केट से कमाई कर सकते हैं।