गाजियाबाद में पुराने वाहन स्क्रैप कराने पर लोगों को मिलेगा फायदा
प्राइवेट वाहनों को 15 फीसदी छूट होगी, जबकि कमर्शल को 10 फीसदी
गाजियाबाद में दो लाख से ज्यादा पुराने वाहनों से फैल रहा है प्रदूषण
AIN NEWS 1 गाजियाबाद : बता दें तीन दिन पहले हुई यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में प्रदेश की स्क्रैप पॉलिसी नियमावली को अब पास किया गया है। इस नियमावली के तहत यदि कोई व्यक्ति अपने 10 से 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाता है तो उसे नया वाहन खरीदने पर उसे रोड टैक्स में काफ़ी छूट मिलेगी। प्राइवेट वाहन के मामले में यह छूट 15 फीसदी होगी, जबकि कमर्शल वाहन के मामले पर यह छूट 10 फीसदी ही मिलेगी। शर्त यह है कि वाहन को स्क्रैप करवाने के एक साल के अंदर वाहन खरीदने पर ही यह छूट आपको मिलेगी। इससे जिले के 2 लाख से अधिक वाहन मालिकों को सीधे सीधे फायदा होने वाला है।बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से काफी पहले यह स्क्रैप पॉलिसी जारी की गई थी। प्रदेश सरकार ने उसे अपना भी लिया था, लेकिन नियमावली नहीं बनने की वजह से उसे लागू अभी तक नहीं किया गया था। अब इसकी नियमावली भी बन चुकी है। जल्द ही इसका शासनादेश भी जारी किया जाएगा। इसके बाद से पूरे प्रदेश में ही इस स्क्रैप पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा। संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण वार्ष्णेय ने बताया कि कैबिनेट से अप्रूवल मिल जाने से अब वाहनों को स्क्रैप करवाना पब्लिक के लिए काफ़ी आसान हो जाएगा।
लगभग हर जिले में खुलेगा स्क्रैप सेंटर
अधिकारियों ने बताया कि शासन की तरफ से स्क्रैप सेंटर के लिए लाइसेंस जारी किया गया है। कई कंपनियों को इसका लाइसेंस जारी भी किया जा चुका है। हालाकि अभी कुछ का प्रस्ताव पेंडिंग है। जल्द ही उसे भी जारी कर दिया जाएगा। यह मान्य स्क्रैप सेंटर हर जिले में ही खोले जाएंगे। जब कोई वाहन मालिक अपने वाहन को यहां पर स्क्रैप होने के लिए देगा तो उसे इसके बदले एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। उस प्रमाणपत्र के आधार पर ही रोड टैक्स पर तय छूट दी जाएगी।
इससे वायु प्रदूषण से मिलेगी राहत
स्क्रैप पॉलिसी के लागू हो जाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों के चलने से फैलने वाले प्रदूषण से काफ़ी राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि जिले में अभी लाखों की संख्या में 10 से 15 साल पुराने वाहन चलकर वायु प्रदूषण फैलाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। अधिकारी बताते हैं कि यदि कोई 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराना डीजल का वाहन सड़क पर चलता हुआ मिलता है तो उसका चालान किए जाने के साथ साथ उसे सीज करते हुए सीधे स्क्रैप सेंटर मे भेजा जाएगा।
चलती मेट्रो बस का चौंकाने वाला #CCTV फुटेज, जिसके चालक को मध्य प्रदेश के जबलपुर में ड्राइविंग करते समय दुर्भाग्य से बड़े पैमाने पर दिल का दौरा पड़ा। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए।#viral #viralpost #video #vintage #Ainnews1 #AINNEWS1 pic.twitter.com/7Gbfz8KiGQ
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) December 3, 2022
जान ले 40 फीसदी वाहनों से फैलता है प्रदूषण
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हालिया शोध के अनुसार, सड़कों पर चलने वाले वाहनों की वजह से ही 40 फीसदी प्रदूषण फैलता है। ऐसे में यदि 10 और 15 साल पुराने वाहन भी पाबंदी के बाद भी सड़कों चलते हैं तो प्रदूषण स्तर बढ़ाने में वो काफ़ी मदद करेंगे।ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट का कहना है कि बीएस-3 और बीएस-4 के वाहनों से प्रदूषण काफी अधिक फैलता है। जबकि बीएस-6 के वाहनों से प्रदूषण के स्तर में तुलनात्मक 60 फीसदी से अधिक कमी रहती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर के मामले में बीएस-6 ग्रेड का डीजल ही काफी अच्छा होगा। बीएस-4 और बीएस-3 फ्यूल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम तक होती है। यह बीएस-6 स्टैंडर्ड आने के बाद घटकर 10 पीपीएम रह जाएगा। यानी की अभी के स्तर से 80 फीसदी तक कम।
जान ले सरकारी वाहन का भी होगा स्क्रैप
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन किया गया है कि अब सरकारी विभागों के वाहनों का भी पुराने होने पर रजिस्ट्रेशन रिन्युअल नहीं होगा, बल्कि उन्हें भी स्क्रैप पॉलिसी के तहत स्क्रैप ही करवाया जाएगा। यह आदेश अप्रैल 2023 से ही लागू कर दिया जाएगा। अभी इस पर पब्लिक की आपत्ति और सुझाव मांगा गया है। जिले में सरकारी विभागों के 10 से 15 साल पुराने वाहन बड़ी संख्या में चलते हैं। ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ की तरफ से केवल पत्र भेजकर इन पर कार्रवाई किए जाने से बचते है।