AIN NEWS 1: बता दें खतौली के संग्राम से सपा -आरएलडी और आसपा गठबंधन को को अब संजीवनी मिली. अब उसके सहारे निकाय चुनाव में भी गठबंधन रणभेरी बजाएगा. इस सीट पर ये भी देखना दिलचस्प होगा कि क्या यहां पर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा जाएगा या फिर आरएलडी के नल पर. यह सीट भले ही किसी की भी झोली में जाए, लेकिन यहां चुनाव बेहद दिलचस्प होगा. जान ले सपा विधायक अतुल प्रधान अपनी पत्नी सीमा प्रधान के लिए टिकट मांग रहे हैं, लेकिन फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व पर ही छोड़ रहे हैं. लेकीन गठबंधन की सीट जिसके भी कोटे में जाएगी. चुनाव उसे ही मजबूती से लड़ाया जाएगा. सपा में भी मेयर के 7 बड़े दावेदार हैं और 50 से ज्यादा पार्षद के दावेदार भी आ चुके हैं.
जाने सीट को लेकर क्या है समीकरण?
अगर बात आरएलडी की करें तो अब तक 7 दावेदारों ने मेयर का चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताई है. पार्षद के भी 40 से ज्यादा दावेदार मैदान में अपना दावा ठोक चुके हैं. किस्मत किसका साथ देगी ये तो अभी साफ नहीं है क्योंकि आरएलडी किसे चुनाव लड़ाएगी. अभी ये भी साफ नहीं हैं, लेकिन खतौली जीत के बाद से ही आरएलडी के खेमे में दावेदारों की लिस्ट हर रोज बड़ी होती जा रही है. आरएलडी के नेता भी सपा नेताओं की भाषा बोल रहें है कि जयंत और अखिलेश जो फैसला करेंगे वो ही मंजूर होगा.बहरहाल, मेरठ सीट सपा के खाते में जाए या आरएलडी के लेकिन दोनों ही दलों को भरोसा है कि मेयर उनका ही बनेगा. मेरठ में प्रत्याशी का चुनाव करना बीजेपी के लिए भी काफ़ी टेढ़ी खीर होगा, क्योंकि दावों को हकीकत में बदलने के बीच गठबंधन की मजबूत दीवार भी खड़ी है. ये भरोसा कितना जनता पूरा करेगी ये आने वाला वक्त तय करेगा.