नमस्कार,
कल की बड़ी खबर चांदी की रिकॉर्ड तोड़ कीमत बढ़ने से जुड़ी रही। दूसरी बड़ी खबर हमास की कैद से रिहा हुए सभी इजराइली बंधकों को लेकर रही।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
1. राहुल गांधी चंडीगढ़ जाएंगे और IPS वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलेंगे।
2. सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर की है।
3. दिल्ली में दो दिवसीय संयुक्त राष्ट्र शांति सेना सम्मेलन होगा। इसमें 32 देशों के सैन्य प्रमुख शामिल होंगे।
कल की बड़ी खबरें:
हमास ने सभी बंधक छोड़े, 4 के शव लौटाए; नेतन्याहू बोले- ट्रम्प को मिले नोबेल शांति पुरस्कार
मुख्य बिंदु:
हमास ने 20 इजराइली बंधकों को रिहा किया और 4 बंधकों के शव लौटाए
इजराइल ने जवाब में 250 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा
नेतन्याहू ने ट्रम्प को नोबेल पीस प्राइज देने की मांग की
इजराइल की राजधानी तेल अवीव में बड़ा मानवीय कदम उठाते हुए सभी कैदियों की रिहाई पूरी की गई। हमास ने अपने कब्जे में रखे सभी 20 इजराइली बंधकों को मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही, 4 बंधकों के शव भी इजराइल को सौंपे गए हैं, जिनमें नेपाली नागरिक बिपिन जोशी का शव भी शामिल है।
इसके जवाब में इजराइल सरकार ने 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। इस आदान-प्रदान का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करना और शांति की दिशा में कदम बढ़ाना है।
इसी बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइली संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह “आतंक का अंत और उम्मीद की शुरुआत” है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रम्प की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें अगले वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की मांग की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इजराइल सरकार ट्रम्प को देश का सर्वोच्च सम्मान देगी। नेतन्याहू ने कहा, “जब दुनिया के कई देशों ने हमारा साथ छोड़ दिया था, तब ट्रम्प हमारे साथ खड़े रहे।”
IRCTC घोटाला: लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप तय; तेजस्वी बोले- शाह ने एक महीने पहले धमकी दी थी
मुख्य बिंदु:
राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया
कोर्ट ने कहा, टेंडर प्रक्रिया में लालू का सीधा हस्तक्षेप था
तेजस्वी बोले, “शाह ने एक महीने पहले धमकी दी थी, लेकिन हम बिहारी किसी से नहीं डरते”
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में लालू यादव का हस्तक्षेप था और इससे उनके परिवार को आर्थिक लाभ हुआ।
तीनों आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। इस दौरान लालू और तेजस्वी ने सभी आरोपों को झूठा और राजनीतिक साजिश बताया।
तेजस्वी यादव ने अदालत के बाहर कहा, “अमित शाह ने एक महीने पहले ही धमकी दी थी कि हमें चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे। लेकिन हम बिहारी हैं, किसी बाहरी से डरने वाले नहीं।”
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने दो IRCTC होटलों का ठेका सुजाता होटल्स को दिया और इसके बदले में पटना में 3 एकड़ जमीन अपने परिवार के नाम करवाई।
सोना-चांदी के दामों में ऐतिहासिक उछाल: चांदी ₹10,825 बढ़कर ₹1.75 लाख पार, सोना ₹2,630 बढ़कर ₹1.24 लाख तक पहुंचा
मुख्य बिंदु:
एक दिन में चांदी ₹10,825 महंगी होकर ₹1,75,325 प्रति किलो हुई
सोना ₹2,630 बढ़कर ₹1,24,155 प्रति 10 ग्राम पहुंचा
एक्सपर्ट्स का अनुमान, साल के अंत तक सोना ₹1.55 लाख तक जा सकता है
देशभर में सोना और चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। सोमवार को चांदी की कीमत एक ही दिन में ₹10,825 बढ़कर ₹1,75,325 प्रति किलो के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹2,630 की बढ़त के साथ ₹1,24,155 पर पहुंच गया।
इस साल की शुरुआत से अब तक चांदी की कीमत में कुल ₹89,308 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि सोने के दाम ₹47,993 बढ़े हैं।
विभिन्न शहरों में 24 कैरेट सोने के भाव (₹/10 ग्राम):
दिल्ली: ₹1,25,550
जयपुर: ₹1,25,550
अहमदाबाद: ₹1,25,450
मुंबई: ₹1,25,400
पटना: ₹1,25,450
भोपाल: ₹1,25,450
रायपुर: ₹1,25,400
कीमतें बढ़ने की वजह:
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लोबल स्तर पर सप्लाई घटने और निवेशकों की मांग बढ़ने से चांदी के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है। वहीं, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता के कारण निवेशक सोने की ओर झुक रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए, सोने की कीमत साल के अंत तक ₹1.55 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
EPF खाताधारकों के लिए बड़ी राहत: अब बिना कारण बताए पूरा पैसा निकाल सकेंगे, डॉक्यूमेंट्स जमा करने की जरूरत नहीं
मुख्य बिंदु:
EPF अकाउंट से अब बिना कारण बताए पूरा पैसा निकालना संभव
खाते में कम से कम 25% राशि बनी रहनी होगी ताकि ब्याज लाभ जारी रहे
ऑटो सेटलमेंट सिस्टम से निकासी प्रक्रिया और तेज होगी
कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। अब EPF (Employees’ Provident Fund) अकाउंट से पूरा पैसा निकाला जा सकेगा और इसके लिए कोई कारण बताने या डॉक्यूमेंट्स जमा करने की जरूरत नहीं होगी। यह फैसला सेंट्रल लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में लिया गया।
हालांकि, EPFO ने यह भी तय किया है कि खाते में कम से कम 25% राशि बनी रहनी चाहिए, ताकि सदस्यों को हर साल मिलने वाले 8.25% ब्याज और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहे। यह प्रावधान रिटायरमेंट के लिए स्थायी फंड तैयार करने में मदद करेगा।
ऑटो सेटलमेंट प्रक्रिया शुरू:
EPFO ने फाइनल सेटलमेंट और पेंशन निकासी की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। अब
फाइनल सेटलमेंट अवधि 12 महीने
पेंशन निकासी की अवधि 36 महीने तय की गई है।
इस बदलाव से कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर अपने फंड का उपयोग करने में सुविधा होगी, जबकि उनका रिटायरमेंट सेविंग्स अकाउंट भी सुरक्षित रहेगा।
सिद्धारमैया के बेटे का विवादित बयान: RSS की तुलना तालिबान से की, कहा- हिंदू धर्म जबरदस्ती थोपना चाहते हैं
मुख्य बिंदु:
सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने RSS को तालिबान जैसा बताया
राज्य में RSS पर बैन लगाने की मांग की
प्रियांक खड़गे ने भी सरकारी परिसरों में RSS की गतिविधियों पर रोक की अपील की
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि RSS की सोच तालिबान जैसी है, जो देश में हिंदू धर्म को जबरन थोपना चाहता है।
यतींद्र ने राज्य सरकार से मांग की है कि कर्नाटक में RSS पर प्रतिबंध लगाया जाए। उनके बयान के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि RSS सरकारी परिसरों में शाखाएं चला रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकारी परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर RSS की गतिविधियों पर बैन लगाने की मांग की थी।
इकोनॉमिक्स का नोबेल तीन प्रोफेसरों को मिला: अमेरिका के जोएल मोकिर, पीटर हॉविट और ब्रिटेन के फिलिप एगियॉन सम्मानित
मुख्य बिंदु:
इकोनॉमिक्स का नोबेल 2025 तीन अर्थशास्त्रियों को मिला
इनोवेशन से आर्थिक विकास का संबंध समझाने के लिए मिला पुरस्कार
विजेताओं को ₹10.3 करोड़, मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे
इस साल अर्थशास्त्र (Economics) का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के जोएल मोकिर, पीटर हॉविट और ब्रिटेन के फिलिप एगियॉन को दिया गया है। नोबेल समिति ने बताया कि इन तीनों प्रोफेसरों को यह सम्मान इस शोध के लिए दिया गया है कि इनोवेशन और नई तकनीकें किस तरह आर्थिक विकास को गति देती हैं।
विजेताओं को ₹10.3 करोड़ रुपए, एक स्वर्ण पदक और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
अर्थशास्त्र का नोबेल पहले दो भारतीयों को भी मिला है:
अमर्त्य सेन (1998): उन्होंने गरीबी मापने का नया तरीका प्रस्तुत किया। उनका कहना था कि गरीबी का आकलन केवल आय के आधार पर नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कारकों से भी होना चाहिए।
अभिजीत बनर्जी (2019): उन्होंने गरीबी हटाने के लिए छोटे-छोटे प्रयोग किए, जैसे—स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए।
नोबेल समिति के अनुसार, इस साल के विजेताओं का शोध वैश्विक अर्थव्यवस्था में नवाचार और उत्पादकता की भूमिका को गहराई से समझने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।