AIN NEWS 1 : बता दें श्रीराम वेंकिटरमण एक ऐसे IAS ऑफिसर हैं, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सबसे कठिन परीक्षा सिविल सर्विस एग्जाम को न सिर्फ पास किया बल्कि उसमें दूसरी रैंक भी हासिल की. वे 2012 के UPSC टॉपर थे. इस परीक्षा को पास करने में लोगों को 5-10 साल तक लग जाते हैं. वहीं कुछ ऐसे चुनिंदा IAS होते हैं, जिन्हें जल्द ही कलेक्टरी मिल भी जाती है, लेकिन सोचिए तो जरा की सिर्फ 6 दिन में ही अधिकारी का ट्रांसफर भी कर दिया जाए, तो उसे कितना ज्यादा ही अखरता होगा. ऐसा ही IAS श्रीराम वेंकिटरमण के साथ हुआ. आइए जानते हैं उनके हाथ से इतनी जल्द कलेक्टरी क्यों चली गई.
जाने शराब की वजह से गई कलेक्टरी!
IAS श्रीराम वेंकटरमन पर आरोप है कि उन्होंने 2019 में नशे में अपनी गाड़ी चलाई और उस दौरान गाड़ी चलाते हुए किसी एक पत्रकार को उन्होने टक्कर मार दी. इस घटना में पत्रकार केएम बशीर की मृत्यु तक हो गई. आपको बता दें कि 35 साल के बशीर सिराज ब्यूरो चीफ थे. इसके बाद केरल सरकार ने उन्हें अलपुझा जिले का कलेक्टर बनाया तो वहां की जनता ने उनका काफ़ी ज्यादा विरोध कर दिया. उसके बाद सरकार को उन्हें कलेक्टर के पद से ही हटाना पड़ा और उनका दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया.
जाने डॉक्टर से IAS तक का सफर
वेंकटरमन ने एमबीबीएस करने के बाद यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और दूसरे प्रयास में ही वे सफल हो गए. एक IAS अधिकारी के रूप में वेंकटरमन काफ़ी विवादों में रहे हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भावांश विद्या मंदिर-गिरिनगर से पूरी की. उसके बाद उन्होंने साल 2010 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया.
जाने हत्या का आरोप हुआ खारिज
तिरुवनंतपुरम जिला अदालत ने IAS अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन पर लगे हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया. केरल सरकार ने भी साल 2020 में वेंकटरमन का निलंबन रद्द कर दिया था. उसके बाद उन्हें हेल्थ डिपार्टमेंट का ज्वाइंट सेक्रेटरी भी बनाया गया था. वर्तमान में वे केरल स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जनरल मैनेजर हैं.