दिल्ली में तैनात आईएएस अधिकारी के. सारंगी ने गाजियाबाद नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि युवक अब्दुल रहमान ने उनकी इकलौती बेटी डॉ. हर्ष भारती सारंगी से बड़ी साजिश के तहत शादी की है। इसके पीछे उसका मकसद लव जिहाद के तहत बेटी का धर्म परिवर्तन कराने का है। शादी कराने वाली दो संस्थाएं भी इस साजिश में शामिल हैं। पुलिस ने संस्थाओं के पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है।
के. सारंगी ने एफआईआर में कहा, बेटी 2016 में यूक्रेन से एमबीबीएस कर लौटी थी। मेरठ के मवाना निवासी अब्दुल रहमान 2017 से उसके पीछे पड़ा था। उसने फरेब का जाल बुनकर बेटी को फंसाया। बेटी को पहले घायल किया, फिर सहानुभूति दिखाई और उसके बाद दबाव बनाकर साथ में रखने लगा। इसमें मौलानाओं ने उसका साथ दिया। उसने खौलते तेल से बेटी का चेहरा जलाने की कोशिश की ताकि उससे शादी की बात मानने के सिवाय उसके पास कोई चारा न रहे। उसने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए नवंबर 2018 में मंदिर में शादी रचाकर इसका पंजीकरण भी कराया। शादी के बाद से अब्दुल रहमान और हर्ष भारती नोएडा में रह रहे हैं। एफआईआर में अब्दुल रहमान, वैदिक हिंदू सभा, गाजियाबाद के पदाधिकारी, आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट, दिल्ली के पदाधिकारी नामजद हैं।
के सारंगी ने एफआईआर में कहा, लव जिहाद की इस साजिश में सिर्फ उनकी बेटी नहीं, और भी लड़कियां फंसी हैं। पुलिस से गुहार है कि इस केस में कड़ी कार्रवाई करे ताकि अन्य लड़कियां सुरक्षित माहौल में रह सकें। पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी के इस मामले में नामजद दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। उन्हें बुलाया गया है। उनसे पूछा जाएगा कि अलग-अलग धर्म के युवक-युवती की शादी का प्रमाणपत्र किस आधार पर जारी किया गया।