Thursday, February 6, 2025

दिल्ली: जाने 1200 घर पर आए कार्रवाई के बादल, 1500 बीघा जमीन 15दिन में खाली कराने के हैं आदेश!

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AIN NEWS 1: बता दें तुगलकाबाद किले की करीब 1500 बीघा जमीन पर सालों से हो रहा अवैध कब्जा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर कब्जाधारियों को 15 दिन के भीतर इस जगह को खाली करने का नोटिस दिया है। पिछले दो दिन के भीतर किले की जमीन पर बनाए गए करीब 1200 घरों पर यह नोटिस चसपा किए गए हैं। इसी माह के अंत तक घर तोड़ने का भी काम शुरू किया जाएगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 1195 में दिल्ली विकास प्राधिकरण से तुगलकाबाद किले की 2661 बीघा जमीन रखरखाव के लिए दी गई थी। लेकिन पिछले 25 साल में इस जमीन के 50 फीसदी से अधिक हिस्से को अवैध तरीके से लोगों ने कब्जा कर अपने अपने घर बना लिऐ । एएसआई के पुरातत्वविद अधीक्षक प्रवीण सिंह ने बताया कि 2001 में किले की जमीन को अवैध तरीके से कब्जा किए जाने की जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर भी की गई। कई सालों तक यह मामला बिलकुल ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। लेकिन 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने इसपर संज्ञान लिया और मामले को दिल्ली हाईकोर्ट के पास भेज दिया और इसकी मॉनिटरिंग करने का आदेश भी दिया।दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 नवम्बर 2023 को इसपर फैसला किया और छह महीन के भीतर किले की जगह को अवैध कब्जाधारियों के चंगुल से वापस लेने का निर्देेश भी दिया। अब एएसआई ने 12-13 जनवरी को डीडीए, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर एक विशेष अभियान चलाकर करीब 1200 घरों पर नोटिस चस्पा किए हैं। कोर्ट के आदेशानुसार किले की जमीन पर बने इन सभी घरों से सामान इत्यादि निकालने के लिए लोगों को कुल 15 दिन का समय दिया गया है।

जाने गांव वालों का दावा, वह लाल डोरे के भीतर

मेहरौली-बदरपुर रोड पर करीब छह किलोमीटर में तुगलकाबाद किला फैैला है। किले की पिछली दीवार से सटा तुगलकाबाद गांव है, जो आजादी के पहले का बसा हुआ है। इस गांव का दायरा इसके बसने के समय की तुलना में अब कई गुना बढ़ गया है। गांव के लोगों का कहना है कि वह लाल डोरे के भीतर ही बसे हैं। वहीं एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि सालों से बढ़ते बढ़ते स्थानीय लोगों ने किले की आधे से ज्यादा जमीन पर ही कब्जा जमा लिया।

जाने संवारा जा रहा 800 साल पुराना किला

तुगलकाबाद किला करीब 800 साल पुराना दिल्ली का तीसरा सबसे पुराना किला है। इस किले को गयासुद्दीन तुगलक ने 1321 से 1325 के बीच ही बनवाया था। तीन साल पहले तक यह किला खंडहर और पत्थरों का मात्र एक ढेर था। लेकिन एएसआई ने इसे फिर से संवारने का काम भी शुरू किया है। इसके तहत यहां पर सौंदर्यीकारण किया जा रहा है। किले के सबसे ऊंचे बुर्ज विजय मंडल के चारों तरफ रेलिंग भी लगाई गई है। यहां से पूरा किला, गयासुद्दीन का मकबरा, तुगलकाबाद गांव और आस पास के इलाकों को साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसके भीतर बैठने के लिए प्लेटफार्म भी लगाए गए हैं। बुर्ज और यहां की एक पुरानी बावली तक जाने के लिए पाथ बनाए गए हैं। बाकी हिस्से को भी संवारने का काम किया जा रहा है।

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AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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