AIN NEWS 1 | गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भव्य स्वागत किया गया। राज चौपला पर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
गन्ना किसानों की समस्याओं पर खुलकर बोले टिकैत
अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने गन्ना किसानों की समस्याओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने मोदी ग्रुप और बजाज ग्रुप की चीनी मिलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये मिलें किसानों का भुगतान समय पर नहीं कर रही हैं। किसानों की मेहनत का पैसा महीनों तक बकाया रहता है, जिससे वे आर्थिक संकट में फंस जाते हैं।
सरकार और चीनी मिलों पर निशाना
टिकैत ने सीधे तौर पर सरकार और चीनी मिल मालिकों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चीनी मिलें समय पर गन्ना किसानों को उनका बकाया भुगतान करें। लेकिन हकीकत यह है कि प्रशासन और चीनी मिलों की मिलीभगत के कारण किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाता।
धरना देने की चेतावनी
राकेश टिकैत ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर जल्द ही किसानों के बकाया गन्ना भुगतान की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसानों को मजबूरन धरना देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो भारतीय किसान यूनियन बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी और सरकार को जवाब देना पड़ेगा।
गन्ना भुगतान को लेकर किसानों की मांग
1. समय पर भुगतान: किसानों को उनकी मेहनत का पैसा जल्द से जल्द दिया जाए।
2. बकाया राशि पर ब्याज: अगर गन्ना भुगतान में देरी होती है तो किसानों को उचित ब्याज मिले।
3. चीनी मिलों की जवाबदेही: अगर मिलें भुगतान करने में असफल रहती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
4. सरकारी हस्तक्षेप: सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उनका हक मिले और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो।
किसानों की आर्थिक समस्याएं बढ़ीं
गन्ना किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं मिलने से आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। उन्हें अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ रही हैं। किसानों का कहना है कि वे लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा।
क्या कहती है सरकार?
सरकार ने कई बार कहा है कि वह किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। गन्ना किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनकी समस्याओं का समाधान संभव नहीं है।
आगे की रणनीति
राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही किसानों का भुगतान नहीं हुआ तो वे विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। किसानों का कहना है कि अब वे किसी भी कीमत पर अपने हक से समझौता नहीं करेंगे।
गन्ना किसानों की यह समस्या सिर्फ मोदीनगर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश और अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों में भी देखी जा रही है। ऐसे में सरकार और चीनी मिलों को जल्द से जल्द कोई समाधान निकालना होगा, वरना यह आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है।