इलाज की नहीं होगी टेंशन
सबको हेल्थ इंश्योरेंस देने की तैयारी
सरकार कर सकती है बड़ा एलान
AIN NEWS 1: बता दें वैसे तो भारत में दुनियाभर के कई देशों के मुकाबले इलाज कराना काफी सस्ता है जिसकी वजह से यहां का मेडिकल टूरिज्म भी काफी लोकप्रिय है। लेकिन भारतीयों की औसत आमदनी के हिसाब से यहां पर इलाज कराना काफी महंगा है। ऐसे में सरकार की आयुष्मान भारत योजना से लेकर हेल्थ इंश्योरेंस तक इलाज को सस्ता कराने में काफी मददगार साबित होता है। लेकिन एक सर्वे के मुताबिक भारतीय हेल्थ इंश्योरेंस लेने में काफी फिसड्डी हैं।
इलाज की नहीं होगी टेंशन
सर्वे का दावा है कि देश में महज 41 फीसदी परिवारों के पास ही हेल्थ इंश्योरेंस है। 59 फीसदी लोग बिना हेल्थ इंश्योरेंस के इलाज करा रहे हैं। वहीं NFHS-5 के आंकड़े से एक दिलचस्प जानकारी सामने निकलकर सामने आई है कि शहरी भारतीयों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा संजीदा हैं यानी जहां शहरों में महज 38.1 फीसदी के पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो ग्रामीण आबादी में 42.4 परसेंट के पास स्वास्थ्य बीमा है। जानकारों का भी मानना है कि भारत में सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस की पैठ बढ़ाने के लिए इस बार के बजट में कुछ प्रोत्साहनों का एलान करना चाहिए।
सबको हेल्थ इंश्योरेंस देने की तैयारी
वैसे एक राहत की बात ये भी है कि बीते 5 साल में स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की संख्या 12 फीसदी बढ़ी है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह है कि ये बढ़ोतरी सरकारी योजनाओं के जरिए मिलने वाला मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस की वजह से हुई है। अगर बात करें राज्यों की तो राजस्थान में 87.8 फीसदी परिवारों में से किसी ना किसी 1 सदस्य ने हेल्थ बीमा कराया हुआ है। जबकि बिहार में महज 14.6 फीसदी परिवारों के पास हेल्थ बीमा है। हालांकि समाजसेवा से जुड़े लोगों का मानना है कि बीमा के साथ साथ इस बार के बजट में सरकार को महिलाओं और बच्चों की पढ़ाई और सेहत के लिए जरुर कुछ पहल करनी चाहिए।
सरकार कर सकती है बड़ा एलान
वैसे भी कोरोना काल में जिस तरह से सेहत को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है और हेल्थ इंश्योरेंस वक्त की सबसे बड़ी ज़रुरत बन गया है उसे देखते हुए ये ज़रुरी है कि सरकारी योजनाओं और प्रोत्साहनों के ज़रिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए प्रेरित किया जाए।