Amit Shah on Waqf Amendment Bill: Land Will Not Become Waqf by Mere Declaration
वक्फ संपत्ति पर नए नियम: अमित शाह बोले- अब केवल घोषणा से जमीन वक्फ नहीं बनेगी
AIN NEWS 1: गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर बोलते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए लोगों में डर फैला रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2013 में कांग्रेस सरकार ने अपने फायदे के लिए वक्फ अधिनियम में संशोधन किया था, जिससे कई अनियमितताएँ पैदा हुईं।
विधेयक में किए गए अहम संशोधन
1. अब केवल घोषणा से जमीन वक्फ नहीं होगी – पहले के नियमों के तहत, कोई भी संपत्ति वक्फ घोषित की जा सकती थी, लेकिन अब यह तभी संभव होगा जब उचित दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत किए जाएंगे।
2. वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण – सरकार सभी वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटलीकरण करने की योजना बना रही है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।
3. नियमों में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी – इस विधेयक से वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी तय की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी संपत्ति का गलत इस्तेमाल न हो।
4. किराए पर दी गई वक्फ संपत्तियों की निगरानी – कई जगहों पर वक्फ संपत्तियों को औने-पौने दामों पर किराए पर दिया गया था। अब सरकार इनकी निगरानी करेगी और उचित मूल्य सुनिश्चित करेगी।
विपक्ष का विरोध और सरकार की सफाई
विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया। आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीर ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, क्योंकि इससे एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है।
कांग्रेस और टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक को लाई है। जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि यह बिल पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में चुनावी लाभ लेने के लिए लाया गया है।
हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह विधेयक राष्ट्रहित में लाया गया है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी धर्म के अधिकारों को सीमित नहीं कर रहे हैं, बल्कि संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रहे हैं।”
2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए संशोधन पर सवाल
अमित शाह ने कहा कि 2013 में कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए वक्फ अधिनियम में संशोधन किया था, जिससे कई संपत्तियों पर कब्जा हो गया। उन्होंने दावा किया कि यदि 2013 में यह संशोधन नहीं हुआ होता, तो आज यह स्थिति नहीं होती।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है, लेकिन संपत्तियों का दुरुपयोग रोकना जरूरी है।”
क्या है वक्फ संपत्ति?
वक्फ संपत्ति वह होती है जो किसी धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए वक्फ बोर्ड को दी जाती है। यह संपत्ति मस्जिदों, दरगाहों, मदरसों और अन्य धार्मिक संस्थानों के अधीन होती है।
सरकार के पक्ष में तर्क
1. वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जाएगा – कई मामलों में देखा गया है कि वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से बेचा या किराए पर दिया जाता है। यह विधेयक इसे रोकने में मदद करेगा।
2. संपत्ति मालिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे – अब कोई भी व्यक्ति अपनी निजी संपत्ति को बिना उचित दस्तावेजों के वक्फ घोषित नहीं कर सकता।
3. कानूनी प्रक्रियाओं को मजबूत किया जाएगा – इससे अदालतों में चल रहे संपत्ति विवादों में कमी आएगी और न्याय प्रणाली पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।
विपक्ष की चिंताएँ
विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार धार्मिक मामलों में दखल दे रही है।
कांग्रेस और टीएमसी ने आरोप लगाया कि यह बिल मुस्लिमों के खिलाफ है और इससे उनके धार्मिक संस्थानों पर असर पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होगी।
भाजपा का विपक्ष पर पलटवार
अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने ही 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया था, जिससे संपत्तियों पर अवैध कब्जे की घटनाएँ बढ़ीं।” उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जिससे सभी समुदायों को लाभ मिलेगा।
क्या बदलाव आएंगे?
1. अब मंदिरों के बोर्ड में गैर-हिंदू नहीं होंगे – कुछ जगहों पर गैर-हिंदू लोगों को मंदिर प्रबंधन में शामिल करने की बात चल रही थी, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया।
2. वक्फ बोर्ड को अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा – वक्फ बोर्ड अब सभी संपत्तियों का हिसाब देगा और कोई भी संपत्ति मनमाने तरीके से किराए पर नहीं दी जा सकेगी।
3. अल्पसंख्यकों पर दबाव नहीं डाला जाएगा – सरकार ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि पारदर्शिता लाने के लिए बनाया गया है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सरकार का दावा है कि यह राष्ट्रहित में लाया गया बिल है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक का जमीनी स्तर पर क्या असर पड़ता है और इससे कौन से बदलाव देखने को मिलते हैं।
Home Minister Amit Shah has clarified that under the new Waqf Amendment Bill, land will not automatically become waqf property through a mere declaration. He accused the opposition of spreading fear among the people for vote bank politics. The bill aims to bring transparency and accountability in the management of waqf properties. Shah highlighted that the Congress government in 2013 amended the waqf law for political gains, which led to several irregularities. The new provisions ensure that property rights remain protected and that religious organizations cannot misuse legal loopholes. The government is also working on digitizing waqf properties to prevent illegal encroachments.