AIN NEWS 1: बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के एक ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों के साथ आईएएस और आईपीएस लॉबी में खलबली मचा दी है। दरअसल होमगार्ड और अग्निशमन विभाग में आईजी के पद पर तैनात विकास वैभव ने अपनी डीजी शोभा अहोतकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फोन पर उन्हें गाली दी और बिहारी होने पर अपशब्द कहे। हालांकि विकास वैभव ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन अब ये मुद्दा काफी गर्मा चुका है। अपने डीजी के व्यवहार से दुखी विकास वैभव ने 60 दिनों की छुट्टी का आवेदन किया था जिसे शोभा अहोतकर ने रद्द कर उनसे सफाई मांगी है।
बीजेपी ने लगाया नीतीश सरकार पर आरोप
बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नियंत्रण सरकार से कमजोर होता जा रहा है। इसलिए अब बिहार सरकार गालीबाज अधिकारी चला रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि जिस तरह से महागठबंधन सरकार में लालू की आरजेडी का दबदबा बढ़ रहा है। उसके कारण अफसर सरकार पर हावी हो रहे हैं। ये अधिकारी अपने से छोटे अफसर को कुछ नहीं समझते हैं। नीतीश कुमार के आयातित अधिकारी जिस तरह से बिहारी अफसरों को अपमानित कर रहे हैं और जिस तरह से गाली गलौज पर उतारू हैं बिहार सरकार को इस पर जल्द से जल्द संज्ञान लेना होगा।
होमगार्ड डीजी पर बिहारियों के अपमान का आऱोप
बीजेपी प्रवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक पहले वरिष्ठ आईएएस केके पाठक ने बिहारियों और अपने अफसरों को गाली दी थी। अब वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर बिहारियों और अफसरों का अपमान कर रही हैं। मनोज शर्मा के अनुसार अब बिहार सरकार ये तय करें कि आखिर ये अधिकारी क्यों गाली दे रहे हैं? उनकी मनोदशा की जांच कराए। पूरे देश में बिहारी अपसरों की प्रतिभा का सम्मान होता है और दूसरे राज्य से आए अफसर बिहारी अफसरों से गाली गलौज कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर जल्द से जल्द अपना बयान जारी करें।
ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिराया
बीजेपी प्रवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक विकास वैभव बिहार के सम्मानित अधिकारी हैं। उन्होंने आईपीएस की नौकरी अपनी प्रतिभा की वजह से ली है। यूपीएससी ने उन्हें होम कैडर इसलिए नहीं दिया कि उनकी प्रतिभा में कोई कमी थी। लेकिन, नीतीश कुमार के बदजुबान अफसरों ने जिस तरह से गाली गलौज का माहौल बनाया है। उससे अच्छे अधिकारियों का मनोबल भी गिर रहा है। होमगार्ड की डीजी शोभा अहोतकर पर मुख्यमंत्री संज्ञान लें। मनोज शर्मा ने ये भी कहा कि कुछ दिन पहले केके पाठक ने बिहारी अफसरों को गाली देकर संबोधित किया। बिहारियों को गाली दी। हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहारी अस्मिता की बात करते हैं, जबकि उनके अफसर इस तरह की बदजुबानी करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री इसका संज्ञान क्यों नहीं ले रहे? मनोज शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन मामलों में हस्तक्षेप करें और पूरे बिहार के सामने स्थिति साफ करें।