यूपी सरकार ने सख्त किया नियम: मानव संपदा पोर्टल पर 2026 तक हर कर्मचारी को देनी होगी संपत्ति की पूरी जानकारी!

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब हर कर्मचारी को अपनी चल और अचल संपत्तियों का विस्तृत विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य हो गया है। यह नियम केवल एक साधारण अपडेट नहीं है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने और सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति से जुड़ी जानकारी को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यवस्थित करने का बड़ा कदम है।

सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर 2025 तक अर्जित की गई सभी संपत्तियों का विवरण कर्मचारी को पोर्टल पर दर्ज करना होगा, और इसकी अंतिम समय सीमा 31 जनवरी 2026 तय की गई है। जो भी कर्मचारी इस समय सीमा का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें प्रमोशन रोकना और विभागीय जांच शामिल है।

संपत्ति विवरण क्यों अनिवार्य किया गया?

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मानव संपदा पोर्टल भी इसी पहल का हिस्सा है, जिसके माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर सेवा रिकॉर्ड तक की सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहती है।

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अब सरकार संपत्ति से जुड़ी जानकारी भी इसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चाहती है ताकि—

पारदर्शिता बनी रहे

भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिले

कर्मचारियों के रिकॉर्ड एक ही जगह उपलब्ध हों

पदोन्नति और विभागीय प्रक्रियाओं में तेजी आए

यह कदम सरकारी तंत्र को और अधिक जवाबदेह और व्यवस्थित बनाने की दिशा में लिया गया है।

किस तरह की संपत्तियों का विवरण देना होगा?

सरकार के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को अपनी सभी चल और अचल संपत्तियों का विवरण दर्ज करना आवश्यक है। इसमें शामिल हैं—

जमीन, प्लॉट, मकान

वाहन – कार, बाइक, ट्रैक्टर आदि

निवेश – शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड

बैंक डिपॉजिट

ज्वैलरी

अन्य कोई भी मूल्यवान चल संपत्ति

यदि पिछली किसी वर्ष में संपत्ति खरीदी या बेची गई है, तो उसका विवरण भी अपडेट करना होगा।

समय सीमा का पालन न करने पर सख्त दंड

सरकार ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए साफ कहा है कि समय सीमा का पालन न करने वाले कर्मचारियों का प्रमोशन स्थायी रूप से रोक दिया जाएगा।

मतलब—

यदि कर्मचारी एक बार भी यह समय सीमा मिस कर देता है, तो भविष्य में वह पदोन्नति पाने का हक हमेशा के लिए खो सकता है।

इसके अलावा—

विभागीय कार्रवाई

सेवा रिकॉर्ड पर नकारात्मक प्रभाव

सस्पेंशन जैसी प्रक्रिया भी संभव है (यदि विभाग आवश्यक समझे)

यह पहली बार है जब संपत्ति विवरण को इतना गंभीरता से प्रमोशन से जोड़ा गया है।

सरकार का उद्देश्य: एक पारदर्शी और डिजिटल प्रशासन

सरकार का कहना है कि कर्मचारियों की संपत्ति से संबंधित विवरण हर साल अपडेट किए जाने चाहिए। अक्सर देखा गया है कि कई कर्मचारी यह जानकारी समय पर नहीं देते, जिससे रिकॉर्ड अधूरे रह जाते हैं।

इस वजह से—

जांच में समय लगता है

प्रमोशन प्रक्रिया रुक जाती है

भ्रष्टाचार के मामलों में भ्रम की स्थिति रहती है

मानव संपदा पोर्टल जैसे डिजिटल सिस्टम के माध्यम से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है।

मानव संपदा पोर्टल क्या है?

मानव संपदा उत्तर प्रदेश सरकार का एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहाँ—

कर्मचारियों के व्यक्तिगत विवरण

वेतन रिकॉर्ड

अवकाश विवरण

पदस्थापन जानकारी

और अब संपत्ति विवरण

सब कुछ एक ही जगह दर्ज किया जा सकता है।

यह पोर्टल न केवल सरकारी विभागों का काम आसान बनाता है, बल्कि कर्मचारियों के लिए भी पारदर्शी और सुविधाजनक प्रक्रिया उपलब्ध करवाता है।

कर्मचारियों को क्या करना चाहिए?

सरकारी कर्मचारियों को समय सीमा से पहले निम्न कार्य अवश्य कर लेना चाहिए—

1. अपनी सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड इकट्ठा करें

2. खरीदी-बिक्री के दस्तावेज तैयार रखें

3. मानव संपदा पोर्टल पर लॉगिन कर विवरण भरें

4. जानकारी पूरी और सटीक हो, इसकी जांच करें

5. अपडेट की गई सूचना का स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें

यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में किसी प्रकार की जांच या सत्यापन में परेशानी न हो।

कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

कई कर्मचारी संगठन सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे प्रणाली अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी।

वहीं कुछ कर्मचारी यह भी कह रहे हैं कि जिन विभागों में इंटरनेट या डिजिटल साधन सीमित हैं, वहाँ कर्मचारियों को कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

हालाँकि, सरकार का कहना है कि सभी विभागों को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

यूपी सरकार का यह आदेश राज्य के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। संपत्ति विवरण को डिजिटल रूप में दर्ज करना एक बड़ा प्रशासनिक सुधार है, जिसका सीधा असर पारदर्शिता और सरकारी सिस्टम की दक्षता पर पड़ेगा।

जो कर्मचारी समय पर यह अपडेट कर देंगे, उनके लिए भविष्य में प्रमोशन और विभागीय प्रक्रियाएं सुगम होंगी। लेकिन जो इस दिशा-निर्देश को गंभीरता से नहीं लेंगे, उन्हें कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार का यह कदम एक स्पष्ट संदेश देता है—

पारदर्शिता अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य है।

The Uttar Pradesh government has issued a major directive requiring all state employees to submit their complete movable and immovable asset details on the Manav Sampada Portal by January 31, 2026. This mandatory asset disclosure policy aims to increase transparency, streamline employee records, and strengthen governance. Failure to upload accurate asset information may lead to strict consequences such as permanent promotion freeze and departmental action. This development highlights the UP government’s focus on accountability, digital record management, and employee compliance.

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