AIN NEWS 1 नई दिल्ली: पुलिस अकैडमी (DPA) में बगैर टेंडर की चल रही खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए एक डीसीपी ने 15 फरवरी को पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को एक चिट्ठी लिख दी। आरोप है कि कथित गड़बड़झाले में शामिल अफसरों को इसकी जैसे ही भनक लगी तो डीसीपी को ही 16 फरवरी को एडमिन की जिम्मेदारी से हटा डीपीए वजीराबाद का ही ट्रांसफर कर दिया। दिल्ली पुलिस सप्ताह के बीच रंग में भंग पड़ने से महकमे में तमाम तरह की और चर्चाएं होने लगीं। आखिरकार इस पर आला अफसरों को दखल देना ही पड़ा और डीसीपी के वजीराबाद ट्रांसफर पर 17 फरवरी को रोक भी लगा दी गई।डीसीपी डॉ. जी रामगोपाल नाइक दिल्ली पुलिस अकैडमी में बतौर डिप्टी डायरेक्टर (एडमिन) का काम देख रहे थे। उन्होंने 15 फरवरी को कमिश्नर के नाम एक चिट्ठी लिखी, जिसकी कॉपी मिडिया के पास है। इसमें लिखा है है कि कुछ महीनों से दिल्ली पुलिस अकैडमी झड़ौदा कलां में कई ठेकेदारों/वेंडर्स ने एक सही प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही काफी तादाद में सिविल और छोटे-मोटे काम किए हैं। इनकी मंजूरी की जानकारी उन्हें भी नहीं दी गई। डीपीए में तैनात कुछ सीनियर अफसरों के निर्देश पर सिविल और छोटे-मोटे काम करने वाले ठेकेदारों/विक्रेताओं ने चिट्ठी लिखने की तारीख तक कोई अपना एस्टीमेट नहीं दिया है। ये खर्च निश्चित रूप से सरकार पर एक बड़ा बोझ बनेगा, जिसकी लागत कई करोड़ों रुपये में है।पुलिस सूत्रों ने बताया कि डीसीपी नाइक ने 15 फरवरी को ही पुलिस कमिश्नर को एक और लेटर लिखा, जिसमें फंक्शनल रैंक के एसीपी की संवेदनशील जगह पर पोस्टिंग पर भी उन्होने सवाल उठाया था। इसमें लिखा गया कि 10 जनवरी 2023 को सीपी के सर्कुलर में फंक्शनल रैंक के एसीपी को संवेदनशील पोस्ट नहीं देने के साफ साफ़ निर्देश हैं। लिहाजा उन्होंने एसीपी की जगह सही अफसर को तैनात करने के निर्देश देने की भी मांग की। इन दोनों लेटरों का पता चलते ही दिल्ली पुलिस अकैडमी में काफ़ी ज्यादा हड़कंप मच गया। डीसीपी नाइक को वजीराबाद तो वहां से डीसीपी सुबोध कुमार गोस्वामी को झड़ौदा कलां ट्रांसफर करने का फरमान भी जारी हो गया।

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जाने हेडक्वॉर्टर में हड़कंप, ट्रांसफर पर रोक

एलजी विनय कुमार सक्सेना खुद शुक्रवार को दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर में उपस्थित थे। पुलिस वीक के दौरान दिल्ली पुलिस अकैडमी में मचे घमासान से हेडक्वॉर्टर के आला अफसर भी काफ़ी ज्यादा टेंशन में आ गए। और महकमे में शिकायत करने वाले डीसीपी को ही हटाने से तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। लिहाजा तत्काल इस ट्रांसफर ऑर्डर को अगले आदेश तक रोक भी लगाने का फरमान जारी कर दिया गया। आला अफसरों कहना है कि अब इस मामले की जांच होना तय है, क्योंकि दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं।

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