AIN NEWS 1: बता दें जयंतीपुर में घर में घुस कर दिन दहाड़े गोली-बम से उड़ाए गए राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अब दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत भी काफ़ी नाजुक बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उन्हे रविवार की शाम मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मौत से लड़ रहे गार्ड को एसजीपीजीआई लखनऊ के लिए अब रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों की सघन निगरानी में स्पेशल एंबुलेंस से राघवेंद्र को ले जाने के लिए प्रयागराज से लखनऊ तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, ताकि रास्ते में कहीं कोई भी अवरोध न आने पाए।इस हमले में उमेश पाल के साथ एक गनर संदीप निषाद की तो मौत मौके पर ही हो चुकी है, जबकि गोली लगने से काफ़ी बुरी तरह घायल दूसरा गार्ड राघवेंद्र सिंह भी पिछले तीन दिन से अपनी मौत से लड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि के तौर पर पूर्व मंत्री और शहर पश्चिमी के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह राघवेंद्र को देखने अस्पताल भी पहुंचे। वहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह और अन्य चिकित्सकों से राघवेंद्र की हालत की पूरी जानकारी ली और सीएम को उससे अवगत कराया।
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जाने दो स्पेशल एंबुलेंस से चार चिकित्सकों की निगरानी में ही किया गया रेफर
इसके बाद मुख्यमंत्री ने राघवेंद्र को बेहतर इलाज के लिए वहां से अन्यत्र भेजने का निर्देश दिया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद गृह विभाग के अफसरों से भी बात की गई। राघवेंद्र को प्रयागराज से अब लखनऊ तक ले जाने के लिए गृह विभाग के निर्देश पर ही एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की मौजूदगी में दो स्पेशल एंबुलेंस से चार चिकित्सकों की टीम की सघन निगरानी के बीच घायल सिपाही राघवेंद्र को एसजीपीजीआई के लिए रेफर किया गया।
बता दें राघवेंद्र की मई में होने वाली है शादी
रायबरेली के लालगंज कोरिहरा गांव निवासी सिपाही राघवेंद्र की मई में ही शादी होने वाली है। मां अरुणा के साथ अन्य परिजन भी एसआरएन पहुंच गए थे। परिवार के सदस्य भी साथ ही गए हैं। परिजनों के मुताबिक राघवेंद्र के पिता भी एक सिपाही थे। मृतक आश्रित कोटे के तहत ही उसकी भर्ती हुई है। उल्लेखनीय है कि उमेश पाल हत्याकांड में राघवेंद्र को भी दो गोली लगी थी, जिसमें से दोनों गोलियों को अभी ऑपरेशन करके निकाला जा चुका है। चिकित्सकों के मुताबिक पेट में लगी गोली की वजह से घायल सिपाही राघवेंद्र की तबीयत काफ़ी बिगड़ती जा रही है। इस एंबुलेंस के आगे पीछे पुलिस की गाड़ी भी लगाई गई है। ताकि, किसी वजह से भी रास्ते में कहीं भी कोई भी दिक्कत या जाम का सामना न करना पड़े।
जाने 24 घंटे में दो बार बिगड़ी राघवेंद्र की हालत
चिकित्सकों ने सिपाही राघवेंद्र की हालत फिलहाल तो स्थिर बताई है। हालांकि उसकी हालत में लगातार काफ़ी उतार -चढ़ाव भी आ रहा है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि राघवेंद्र की हालत शनिवार की शाम को भी काफ़ी बिगड़ गई थी, लेकिन अथक प्रयास के बाद उनकी स्थिति में सुधार आ गया। रविवार की सुबह भी उनकी हालत बिगड़ने लगी तो 10 से अधिक चिकित्सकों की टीम की मौजूदगी में सघन उपचार के बाद कुछ सुधार आ गया तो राहत की सांस ली गई।