AIN NEWS 1: नए साल के आगमन के साथ ही जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों भक्त नए साल की शुरुआत माता के दर्शन से करना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए यात्रा नियमों में अहम बदलाव किए हैं।
इन नए नियमों का उद्देश्य केवल भीड़ को नियंत्रित करना नहीं है, बल्कि भवन क्षेत्र में अव्यवस्था रोकना, किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को कम करना और आपात स्थिति में त्वरित राहत व्यवस्था को मजबूत बनाना भी है। ये सभी नए दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।
🔴 क्यों बदले गए यात्रा के नियम?
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि खासकर नए साल, नवरात्रि और गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वैष्णो देवी यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। कई बार ऐसा होता था कि श्रद्धालु RFID कार्ड लेने के बाद यात्रा शुरू नहीं करते थे, या दर्शन के बाद कई दिनों तक भवन क्षेत्र में रुक जाते थे।
इस वजह से:
भवन क्षेत्र में अत्यधिक भीड़
संकरे रास्तों पर जाम
आपात सेवाओं में बाधा
बुजुर्गों और बच्चों के लिए जोखिम
जैसी समस्याएं सामने आती थीं। इन्हीं स्थितियों से निपटने के लिए श्राइन बोर्ड ने समय-सीमा आधारित यात्रा प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है।
🟡 RFID कार्ड को लेकर नया नियम क्या है?
संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार:
श्रद्धालु को RFID कार्ड (Radio Frequency Identification Card) लेने के 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करना अनिवार्य होगा।
यदि तय समय में चढ़ाई शुरू नहीं की जाती है, तो कार्ड अमान्य माना जा सकता है।
दर्शन के बाद श्रद्धालु को अधिकतम 24 घंटे के भीतर कटरा बेस कैंप लौटना होगा।
पहले इन नियमों में कोई सख्ती नहीं थी, जिससे भवन क्षेत्र में भीड़ कई गुना बढ़ जाती थी।
🟢 दर्शन के बाद भवन क्षेत्र में रुकना अब मुश्किल
पहले श्रद्धालु दर्शन के बाद:
भवन परिसर में घंटों या कई दिनों तक रुक जाते थे
लंगर, विश्राम स्थल और रास्ते पर अनावश्यक दबाव बढ़ता था
अब नए नियमों के तहत:
दर्शन के बाद सीमित समय में वापसी अनिवार्य
भवन क्षेत्र केवल दर्शन और आवश्यक विश्राम तक सीमित
इससे नए आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुचारु दर्शन का अवसर मिलेगा।
🟠 यात्रा मार्ग और समय की जानकारी
कटरा से माता वैष्णो देवी भवन तक की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है। यह यात्रा कई तरीकों से की जा सकती है:
🚶 पैदल
🐎 घोड़े द्वारा
🎒 पिट्ठू सेवा
🚗 बैटरी कार
🚁 हेलीकॉप्टर सेवा
एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति:
चढ़ाई में: 6 से 8 घंटे
उतराई में: 6 से 8 घंटे
सामान्य दिनों में पूरी यात्रा 24 से 36 घंटे में पूरी हो जाती है, लेकिन नए साल की भीड़ के कारण इसमें अधिक समय लग सकता है।
🚨 भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन तैयारी
श्राइन बोर्ड के अनुसार, नए नियमों से:
ट्रैक पर भीड़ नियंत्रित रहेगी
मेडिकल और आपदा प्रबंधन टीम को राहत मिलेगी
CCTV और कंट्रोल रूम से निगरानी आसान होगी
भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका कम होगी
श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें।
🙏 श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सलाह
यात्रा से पहले RFID कार्ड समय पर लें
10 घंटे की सीमा को ध्यान में रखकर योजना बनाएं
दर्शन के बाद अनावश्यक रूप से भवन क्षेत्र में न रुकें
बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें
मौसम और भीड़ की स्थिति की जानकारी पहले लें
वैष्णो देवी यात्रा केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि अनुशासन और संयम की भी परीक्षा है। नए साल के अवसर पर लागू किए गए ये नियम श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुचारु दर्शन व्यवस्था के लिए बेहद जरूरी हैं। यदि सभी भक्त नियमों का पालन करें, तो यात्रा न सिर्फ सुरक्षित बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी अधिक सुखद होगी।
The Vaishno Devi Shrine Board has introduced new yatra rules for 2025 to manage the heavy New Year crowd and ensure pilgrim safety. Under the updated Vaishno Devi Yatra guidelines, pilgrims must begin their journey within 10 hours of receiving the RFID card and return to Katra within 24 hours after darshan. These changes aim to improve crowd management, reduce congestion at the Bhawan area, and enhance emergency response during peak pilgrimage seasons.



















