Saturday, November 23, 2024

फरवरी में महंगाई के मोर्चे पर लोगों को मामूली राहत मिली, आने वाले दिनों में कैसी रहेगी मंहगाई की चाल?

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फरवरी में महंगाई से मामूली राहत 

ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी

महंगाई की मुश्किल लगातार बरकरार

AIN NEWS 1: फरवरी में महंगाई के मोर्चे पर लोगों को मामूली राहत मिली है। जनवरी के मुकाबले इसमें आई मामूली कमी के बावजूद ये रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के कम्फर्ट जोन से अभी भी ऊपर बनी हुई है। आमकड़ों के मुताबिक फरवरी महीने में रिटेल महंगाई घटकर 6.44 फीसदी पर आ गई है। जनवरी 2023 में ये तीन महीनों के उच्चतम स्तर 6.52 परसेंट पर थी और दिसंबर 2022 में ये आंकड़ा 5.72 फीसदी था। जबकि नवंबर 2022 में रिटेल महंगाई 5.88 फीसदी और फरवरी 2022 में 6.07 परसेंट थी।

फरवरी में महंगाई से मामूली राहत 

यानी ये मामूली गिरावट ज्यादा सुकुन देने का संकेत नहीं दे रही है। ऐसे में आरबीआई आने वाली मॉनेटरी पॉलिसियों में अमेरिकी फेड की तरह ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रख सकता है। फरवरी में दाल-चावल और सब्जियों के दाम में आई गिरावट के बावजूद खाने-पीने के सामान की महंगाई में मामूली बढ़ोतरी हुई है। फरवरी में फूड इन्फ्लेशन मामूली बढ़कर 5.95 फीसदी हो गया है। जबकि जनवरी में खाद्य महंगाई दर 5.94 परसेंट थी।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी

दरअसल, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI के बास्केट में करीब आधी हिस्सेदारी खाद्य पदार्थों की ही होती है। बीते महीने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में गेहूं जैसे खाद्यान्न के भाव घटे हैं। सरकार ने सप्लाई भी बढ़ाई है। इसका असर भी रिटेल महंगाई के आंकड़ों पर पड़ा है।जानकारों का मानना है कि अगली कुछ तिमाहियों तक सामान्य परिस्थितयां बने रहने पर महंगाई दर में ज्यादा इजाफा नहीं होगा। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अंदेशा जताया है कि इसके कम होने की रफ्तार भी धीमी रहेगी।

महंगाई की मुश्किल लगातार बरकरार

अगर रिटेल महंगाई दर के अलग अलग सेगमेंट्स के फरवरी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले महीने सब्जियों की महंगाई जनवरी के माइनस 11.7 फीसदी के मुकाबले माइनस 11.61 फीसदी रही। वहीं दालों की महंगाई 4.27 परसेंट से घटकर 4.09 फीसदी रही। फ्यूल और लाइट की महंगाई जनवरी के 10.84 परसेंट के मुकाबले 9.9 फीसदी रही। हाउसिंग की महंगाई जनवरी के 4.62 फीसदी से बढ़कर फरवरी में 4.83 परसेंट हो गई। ऐसे में समझा जा सकता है कि पॉलिसीमेकर्स के लिए महंगाई अभी तक मुश्किल का सबब बनी हुई है। इसे कंट्रोल किए बिना ग्रोथ को रफ्तार देना भी एक बड़ी चुनौती साबित होगा।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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