AIN NEWS 1: बता दें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक और बड़ा झटका लगा है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को अब रद्द कर दिया है. दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए उन्हे 2 साल की सजा कोर्ट द्वारा सुनाई थी.
जाने राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे
सूरत कोर्ट के फैसले के बाद से ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर एक तलवार लटक रही थी. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो ही जाएगी. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद भी छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए भी उनको अयोग्य करार दिया जाता हैं.
जाने राहुल पर अब और क्या क्या विकल्प ?
वैसे तो राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म हो गई है. हालांकि, राहुल को अपनी सदस्यता को बचाए रखने के अभी सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. वो अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में इसको चुनौती दे सकते हैं, जहां अगर तो सूरत सेशन कोर्ट के इस फैसले पर स्टे लग जाता है तो इस समय उनकी सदस्यता बच सकती है. और हाईकोर्ट अगर स्टे नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा उन्हे खटखटाना होगा. ऐसे में ही अगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हे अगर स्टे मिल जाता है तो भी उनकी सदस्यता बच सकती है. लेकिन अगर ऊपरी अदालत से उन्हें कोई राहत नहीं मिलती तो राहुल गांधी 8 साल तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.
जाने राहुल ने 2019 में क्या बयान दिया था जिसकी वजह से ये सब हुआ
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को आयोजित एक चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?”राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने ही उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का एक केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को ही कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का ही सरनेम मोदी क्यों होता है?
जाने कोर्ट ने क्या कहा था?
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान को लेकर दायर मानहानि के मामले में उन्हे दोषी करार देते हुए लगभग 2 साल की सजा सुनाई. राहुल गांधी ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ये बयान दिया था. जिसपे कोर्ट ने राहुल को 15000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए सजा को फिलहाल 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया. इस दौरान राहुल गांधी ऊपरी अदालत में इस सजा को चुनौती दे सकते हैं. कोर्ट ने अपने 170 पेज के फैसले में कहा है कि इस मामले में आरोपी खुद एक सांसद (संसद सदस्य) हैं और सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भी उसके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया.