नई दिल्ली, www.ainnews1.Com संवाददाता। व्यावसायिक रूप से देश की चुनिंदा सफल फिल्मों में शुमार शोले कई दशक के बाद फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार किन्हीं अन्य वजह से। दरअसल, सिप्पी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ‘शोले’ शब्द के दुरुपयोग को लेकर दाखिल एक याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है।दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ‘शोले’ एक ‘प्रतिष्ठित फिल्म’ का शीर्षक है, जिसे चिह्न् के रूप में सुरक्षा दी जा सकती है, इसलिए शीर्षक का उपयोग करने वालों को शब्द के व्यावसायिक इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित किया जाता है। इतना ही नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपित कंपनी को 25 लाख रुपये का हर्जाना भरने का निर्देश भी दिया है। उल्लेानीय है कि यह मामला 20 वर्ष से अधिक समय से चल रहा था।दिल्ली हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने अपने निर्णय में कहा कि शीर्षक और फिल्में ट्रेडमार्क कानून के तहत मान्यता प्राप्त करने में सक्षम हैं। प्रतिवादियों ने अपनी वेबसाइट आदि पर फिल्म की डीवीडी बेचने के लिए ‘शोले’ के निशान को अपनाया था, जो गलत है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि आरोपितों को वादी को तीन माह के अन्दर हर्जाने के 25 लाख रुपये देने होंगे। साथ ही कंपनी के निदेशक व इससे जुड़े किसी भी व्यक्ति को ‘शोले’ नाम का उपयोग करने और डोमेन नाम ’शोले डाट काम’ का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया।यहां पर बता दें कि धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, जया बच्चन और हेमामालिनी अभिनीत फिल्म में 70 के दशक में सिनेमा के पर्दे पर आई थी। कई दशकों बाद भी इस फिल्म का जादू कायम है। अभिनय सीखने की कड़ी में यह फिल्म भावी एक्टरों के लिए किसी किताब से कम नहीं है। गौरतलब है कि फिल्म शोले ने व्यासायिक रूप से कई रिकार्ड तोड़े। आज भी यह फिल्म जब भी टेलीविजन पर प्रसारित होती है, तो लोग उसी चाव से देखते हैं, जैसे पहले देखते थे।