AIN NEWS 1: बता दें कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के बाद से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अब अपनी चुप्पी तोड़ दी हैं. मायावती ने इस मामले पर ट्वीट करके इस मामले में अपनी राय जाहिर की. उन्होंने साफ़ कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि साल 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित है.मायावती ने आगे ट्विटर पर लिखा, ”पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही ग़रीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के ज़रूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण.” और उन्होंने आगे लिखा कि ”इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित?
2. इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता श्री राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष , नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है.
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023
एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है.”एक और ट्वीट में मायावती ने कहा कि ”यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 सालों में यहां रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता.”बता दें कि इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने कहा, ”मैं राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने के घटनाक्रम से स्तब्ध हूं. निस्संदेह यह भारत में संवैधानिक स्वतंत्रता के ताबूत में आख़िरी कील है. भगोड़े को भगौड़ा और चोर को चोर कहना आज के ‘नये भारत’ में अपराध घोषित कर दिया गया है.”